धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की, जिसमें जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जनजातीय समुदाय के विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और आगे की कार्ययोजना पर चर्चा हुई।
पीवीटीजी और आदिवासी परिवारों को मिलेगा लाभ
बैठक में उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के परिवारों के साथ-साथ अन्य आदिवासी समुदायों को भी उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
कल्याण विभाग को निर्देश, शिक्षा के बुनियादी ढांचे में होगा सुधार
उपायुक्त ने कल्याण विभाग से संचालित आवासीय विद्यालयों के सभी प्रधानाध्यापकों से छात्रावास, शिक्षक आवास, पीसीसी सड़क निर्माण और मल्टीपरपस हॉल निर्माण से जुड़ी आवश्यकताओं की सूची तैयार करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि इन जरूरतों का प्राक्कलन तैयार करने की प्रक्रिया कनीय और सहायक अभियंताओं से कराई जाए, ताकि निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को मिलेगी पहली किस्त
ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत लाभुकों को शीघ्र प्रथम किस्त की राशि का भुगतान किया जाए। इससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपना मकान बनाने में सहायता मिलेगी।
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विद्युत कनेक्शन और सौर ऊर्जा से रोशन होंगे गांव
विद्युत विभाग को निर्देश दिया गया कि गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड किए गए 1180 ग्रामों का सर्वेक्षण कर वहां विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही, 237 गांवों में ग्रिड इलेक्ट्रिसिटी और सोलर कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। इस पहल से दूरस्थ और आदिवासी इलाकों में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी और वहां के निवासियों को बेहतर जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
पीवीटीजी ग्रामों में सड़क निर्माण पर जोर
पथ निर्माण विभाग को निर्देश दिया गया कि 447 पीवीटीजी ग्रामों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जरूरत के अनुसार सड़क निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बेहतर होगी और विकास की गति तेज होगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का निर्देश
जिला समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थलों का चयन किया जाए और निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इससे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण और शिक्षा की सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं में होगा सुधार
सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि मोबाइल मेडिकल वैन के माध्यम से पीवीटीजी गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाएं। इसके अलावा, गति शक्ति पोर्टल पर मेडिकल सुविधाओं की प्रगति रिपोर्ट अपलोड करने का भी निर्देश दिया गया।
शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव
जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि जिन गांवों में केवल प्राथमिक विद्यालय हैं और पांच किलोमीटर के दायरे में कोई मध्य विद्यालय नहीं है, वहां प्राथमिक विद्यालयों को मध्य विद्यालय में अपग्रेड करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए।
इसके अलावा, उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी प्रखंड में +2 विद्यालय है और वहां छात्र-छात्राओं को दूर-दराज से आना पड़ता है, तो ऐसे विद्यालयों के लिए छात्रावास निर्माण के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। इससे ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए अरुण कुमार एक्का, सिविल सर्जन, महाप्रबंधक जिला उद्योग, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग, जिला श्रम अधीक्षक, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला क्रीड़ा सह पर्यटन पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जनजातीय समुदाय के विकास की ओर बढ़ते कदम
बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जनजातीय समुदायों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार से इन समुदायों की जीवनशैली में बड़ा बदलाव आएगा। प्रशासन की यह पहल क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।