पाकुड़ जिले के विभिन्न प्रखंडों में आयुष विभाग की ओर से निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 263 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और आवश्यक दवाइयां वितरित की गईं। इसके अलावा, 107 लोगों को योगाभ्यास भी कराया गया, जिससे उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा मिली।
विभिन्न स्थानों पर लगाए गए स्वास्थ्य शिविर
गुरुवार को लिट्टीपाड़ा के बड़ाकुटलो और बरमसिया, पाकुड़ के इसाकपुर और खदानपाड़ा तथा हिरणपुर के तोड़ाई में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने विभिन्न बीमारियों की जांच की और मरीजों को मुफ्त दवाएं प्रदान कीं।
स्वास्थ्य शिविर में हुए विभिन्न जांच एवं इलाज
स्वास्थ्य शिविर में डॉ. नित्यानंद कुमार वर्मा, डॉ. अशोक मेहता, डॉ. सौरभ विश्वास, डॉ. मो. अफरोज आलम और डॉ. कुलेश कुमार ने अपनी सेवाएं दीं। डॉक्टरों ने बताया कि इस कैंप में निम्नलिखित बीमारियों की नि:शुल्क जांच एवं उपचार किया गया—
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रक्तचाप (ब्लड प्रेशर)
मधुमेह (शुगर)
जोड़ों का दर्द (आर्थराइटिस, गठिया)
बच्चों से संबंधित रोग
इसके अलावा, शिविर में आए सभी मरीजों का शुगर एवं ब्लड प्रेशर टेस्ट किया गया और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक परामर्श भी दिया गया।
योगाभ्यास से रोगमुक्त जीवन की प्रेरणा
शिविर में योग प्रशिक्षकों द्वारा 107 लोगों को योगाभ्यास कराया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि यदि व्यक्ति अपनी जीवनशैली में सुधार कर ले तो वह कई गंभीर बीमारियों से बच सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति रोजाना 30 मिनट योगाभ्यास करे और संतुलित आहार का सेवन करे, तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।
स्वास्थ्य जांच शिविर का अगला चरण 07 फरवरी को
आयुष विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविरों की श्रृंखला जारी रखते हुए 07 फरवरी 2025 को लिट्टीपाड़ा के पहाड़ीटोला, पाकुड़ के तलवाडांगा और लक्ष्मीनारायणपुर तथा महेशपुर के लखीपुर में आयुष जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाएगी और विभिन्न बीमारियों की जांच एवं निःशुल्क दवा वितरण किया जाएगा।
जनता को मिला राहत, स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ाया कदम
आयुष विभाग द्वारा आयोजित इस स्वास्थ्य जांच शिविर से लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा और जागरूकता मिली, जिससे वे अपने स्वास्थ्य का बेहतर ढंग से ख्याल रख सकें। योगाभ्यास और संतुलित आहार की आदतों को अपनाकर लोग स्वस्थ जीवनशैली की ओर बढ़ सकते हैं। ऐसे स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं, जिससे समुदाय में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।