जिले में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने मंडलकारा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कैदियों की तलाशी, जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक प्रबंधन की गहन जांच की गई। निरीक्षण के दौरान कोई भी आपत्तिजनक सामग्री जेल के अंदर नहीं पाई गई, जिससे प्रशासन ने संतोष व्यक्त किया।
जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
निरीक्षण के दौरान मंडलकारा में लगे सीसीटीवी फुटेज, विजिटर रजिस्टर और कारा परिसर की बारीकी से जांच की गई। अधिकारियों ने जेल में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त बनाए रखने और कैदियों की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा, जेल में आने वाले आगंतुकों के रिकॉर्ड की भी जांच की गई, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
कैदियों को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण
निरीक्षण के दौरान बंदियों के पुनर्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। अधिकारियों ने निर्देश दिया कि कैदियों को विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाए, जिससे उन्हें जेल से रिहा होने के बाद रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। इसके तहत कैदियों को—
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- कंप्यूटर प्रशिक्षण
- पेपर थैला बनाने का प्रशिक्षण
- पेपर टोंगा निर्माण का प्रशिक्षण
- स्क्रीन प्रिंटिंग कार्यशाला
इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से कैदी आर्थिक रूप से सक्षम बनने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे, जिससे वे अपने जीवन को नई दिशा दे पाएंगे।
लाईब्रेरी में बढ़ेगी पुस्तकें, कैदियों को मिलेगा अध्ययन का अवसर
कैदियों के मानसिक विकास और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए जेल की लाइब्रेरी में और अधिक पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। इससे बंदियों को सकारात्मक वातावरण मिलेगा और वे अपने खाली समय का उपयोग पढ़ाई और ज्ञान अर्जन में कर सकेंगे।
सुधार और पुनर्वास पर जोर
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मंडलकारा में बंदियों के सुधार और पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कैदियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा, जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि कैदियों को स्वस्थ वातावरण मिले और वे अनुशासन में रहें।
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान जेल प्रशासन को सुरक्षा और अनुशासन को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने कहा कि जेल में संदिग्ध गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाए और कैदियों को नियमित जांच प्रक्रियाओं से गुजारने का प्रावधान किया जाए।
समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
प्रशासन का यह प्रयास कैदियों के पुनर्वास और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शिक्षा की सुविधा बढ़ाने से कैदियों को एक नई राह मिलेगी, जिससे वे जेल से बाहर निकलकर स्वावलंबी जीवन जीने में सक्षम बन सकें। इस निरीक्षण से स्पष्ट है कि जिला प्रशासन न्यायिक सुधार और जेल प्रबंधन को लेकर गंभीरता से काम कर रहा है।