पाकुड़: जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए 10 से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस अभियान के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक विशाल रैली निकाली गई, जिसे उपायुक्त मनीष कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली पुराना सदर अस्पताल परिसर से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरी और लोगों को फाइलेरिया के प्रति सतर्क रहने और दवा सेवन की अनिवार्यता के बारे में जानकारी दी गई।
जिले में 10 फरवरी से घर-घर पहुंचाई जाएगी दवा
उपायुक्त ने बताया कि 10 फरवरी को चिन्हित बूथों पर लोगों को फाइलेरिया की दवा उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि 11 से 25 फरवरी तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को डीईसी और एल्बेंडाजोल की खुराक खिलाएंगे। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, इसलिए इस अभियान को पूरी गंभीरता से लागू किया जाएगा।
फाइलेरिया: एक गंभीर बीमारी, जिसे जड़ से मिटाना जरूरी
फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह बीमारी शरीर के अंगों में सूजन (हाथी पांव) और स्थायी विकृति का कारण बन सकती है। उपायुक्त ने बताया कि समय पर दवा लेने से इस बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है। इसलिए जिले के हर नागरिक को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए और निर्धारित दवाओं का सेवन करना चाहिए।
कहां मिलेगी दवा और कौन खा सकता है?
इस अभियान के तहत दवाओं का वितरण सभी प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जाएगा, जिसमें
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC)
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)
- हेल्थ सब सेंटर (HSC)
- सदर अस्पताल
उपायुक्त ने बताया कि हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग मात्रा में दवा निर्धारित की गई है।
आयु वर्ग | डीईसी (DEC) की खुराक | एल्बेंडाजोल (Albendazole) की खुराक |
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1 वर्ष से कम उम्र के शिशु | दवा नहीं दी जाएगी | दवा नहीं दी जाएगी |
1 से 2 वर्ष | नहीं दी जाएगी | आधी गोली (200mg) पानी में घोलकर |
2 से 5 वर्ष | 1 गोली (100mg) | 1 गोली (400mg) |
6 से 14 वर्ष | 2 गोलियां (200mg) | 1 गोली (400mg) |
15 वर्ष से अधिक | 3 गोलियां (300mg) | 1 गोली (400mg) |
किन्हें नहीं दी जाएगी यह दवा?
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में दवा नहीं दी जानी चाहिए। इसमें शामिल हैं:
- एक वर्ष से कम उम्र के शिशु
- गर्भवती महिलाएं
- अत्यंत वृद्ध व्यक्ति
- गंभीर रूप से बीमार लोग
साथ ही, दवा खाली पेट बिल्कुल न लें। इसे खाने के बाद ही सेवन करें ताकि कोई दुष्प्रभाव न हो।
डीसी ने जिलेवासियों से की दवा सेवन की अपील
उपायुक्त ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस दवा को जरूर लें और खुद को व अपने परिवार को फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी से बचाएं। उन्होंने कहा कि यह दवा पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है, इसलिए इसे खाने में किसी भी तरह की झिझक न करें। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए ताकि कोई भी व्यक्ति दवा सेवन से वंचित न रह जाए।
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है, जो जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। उपायुक्त द्वारा हरी झंडी दिखाकर शुरू की गई यह जागरूकता रैली जनमानस को फाइलेरिया और उसके बचाव के प्रति जागरूक करने का प्रयास है। अब यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इस अभियान का हिस्सा बने और निर्धारित दवा का सेवन कर खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखे।