समाहरणालय में आयोजित हुई एकदिवसीय कार्यशाला
पाकुड़ समाहरणालय स्थित सभागार में ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ के अवसर पर एक एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग, साइबर अपराध से बचने के तरीके, डिजिटल सुरक्षा और कानूनी प्रक्रियाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं। कार्यशाला में उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, परियोजना निदेशक आईटीडीए अरूण कुमार एक्का, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इंटरनेट का उपयोग सावधानी से करने की सलाह
परियोजना निदेशक आईटीडीए अरूण कुमार एक्का ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि इंटरनेट ने हमारी जीवनशैली को आसान बना दिया है, लेकिन इसके इस्तेमाल में सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं, जिसमें डिजिटल अरेस्ट, अधिक रिटर्न का लालच देकर निवेश कराना, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए ठगी जैसे मामले प्रमुख हैं। उन्होंने ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी—
- सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल चार्जिंग से बचें।
- पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए न करें।
- अनजान नंबरों से आने वाले व्हाट्सएप कॉल, वीडियो कॉल और इंटरनेशनल कॉल को रिसीव न करें।
- अनजान लोगों के साथ बैंकिंग डिटेल साझा करने से बचें।
- परिवार के सदस्यों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।
फर्जी लिंक और साइबर फ्रॉड से बचाव के तरीके
जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी ने साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके डोमेन की जांच करना आवश्यक है। फर्जी वेबसाइटों और स्पैम लिंक से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर किसी भी एसएमएस के माध्यम से कोई लिंक प्राप्त होती है, तो उसे खोलने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को भी साझा किया—
- किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले उसका URL जांचें।
- अगर कोई साइबर फ्रॉड हो जाए तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
- राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर ट्रांजेक्शन ब्लॉक कराएं।
- किसी अजनबी को ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक डिटेल या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- अनजान नंबरों से आए QR कोड को स्कैन न करें, खासकर जब वह पेमेंट से जुड़ा हो।
- बैंकिंग कार्यों के दौरान सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल न करें।
सोशल मीडिया और डिजिटल अरेस्ट को लेकर चेतावनी
कार्यशाला में सोशल मीडिया पर मौजूद साइबर खतरों के बारे में भी जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि डीप फेक, व्हाट्सएप सिक्योरिटी, ऑनलाइन फ्रॉड, सोशल इंजीनियरिंग और डिजिटल अरेस्ट जैसे मुद्दे तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग अक्सर बिना जांचे-परखे फिशिंग लिंक पर क्लिक कर देते हैं, जिससे उनकी निजी जानकारी लीक हो सकती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए साइबर अपराधी फर्जी वीडियो, ऑडियो और इमेज बनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। इस पर सतर्क रहने की जरूरत है।
साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को किया गया जागरूक
कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों और प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा से संबंधित जागरूकता बढ़ाने और अपने परिवार व समाज में डिजिटल सुरक्षा का संदेश फैलाने का आह्वान किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि डिजिटल दुनिया में सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है, जिससे साइबर अपराधों से बचा जा सकता है।
इस कार्यशाला के माध्यम से साइबर सुरक्षा, डिजिटल वित्तीय लेनदेन, सोशल मीडिया सुरक्षा और ऑनलाइन ठगी के नए तरीकों से अवगत कराया गया, ताकि आम लोग डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रह सकें।