पाकुड़: फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाने और आम जनता को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से गुरुवार को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से एक बाइक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का शुभारंभ उपायुक्त मनीष कुमार और उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया ने हरी झंडी दिखाकर किया। यह रैली समाहरणालय परिसर से निकलकर रेलवे स्टेशन तक गई, जिसमें बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मी और स्थानीय नागरिकों ने हिस्सा लिया।
जागरूकता बढ़ाने की अनूठी पहल
इस बाइक रैली के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया के प्रति सतर्क रहने और इसकी दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया। उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार और सिविल सर्जन मंटू कुमार टेकरीवाल ने स्वयं इस अभियान में भाग लेकर जनता को संदेश दिया कि फाइलेरिया की दवा खाना बेहद जरूरी है। उन्होंने आम लोगों से आग्रह किया कि वे स्वयं भी दवा का सेवन करें और अपने परिवार, पड़ोसियों व मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करें, ताकि पाकुड़ को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।
80 प्रतिशत लोगों ने खाई दवा, बाकी 20 प्रतिशत भी करें सेवन
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि जिले के 80 प्रतिशत लोग पहले ही फाइलेरिया की दवा खा चुके हैं, लेकिन अभी भी 20 प्रतिशत लोग दवा खाने से वंचित हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा, “अगर आपने अभी तक दवा नहीं खाई है, तो घर में मत बैठिए, बाहर आइए और दवा खाकर फाइलेरिया मुक्त पाकुड़ बनाने में योगदान दीजिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस दवा का कोई दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) नहीं होता है और इसे हर व्यक्ति को खाना चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित है दवा
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने लोगों की आशंकाओं को दूर करते हुए बताया कि यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है और हर उम्र के लोगों को इसे लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरे तीन साल के बच्चे ने भी यह दवा खाई है, इसलिए डरने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे न केवल खुद दवा लें, बल्कि अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी इस दवा को खाने के लिए प्रेरित करें।
फाइलेरिया उन्मूलन में जन-जन की भागीदारी जरूरी
सिविल सर्जन मंटू कुमार टेकरीवाल ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो मच्छरों के जरिए फैलती है और इसके कारण व्यक्ति जीवनभर के लिए विकलांगता का शिकार हो सकता है। इस बीमारी से बचाव का एकमात्र तरीका नियमित रूप से डीईसी और एल्बेंडाजोल दवा का सेवन करना है। उन्होंने बताया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग घर-घर जाकर दवा वितरण कर रहे हैं ताकि कोई भी व्यक्ति इससे वंचित न रहे।
रैली में अधिकारियों और कर्मियों की सक्रिय भागीदारी
इस बाइक रैली में स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी, जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने मिलकर लोगों को फाइलेरिया की रोकथाम के प्रति जागरूक किया और उन्हें दवा खाने के लिए प्रेरित किया। रैली के दौरान विभिन्न स्थानों पर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के उपाय बताए गए और उन्हें इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया गया।
फाइलेरिया मुक्त पाकुड़ बनाने का संकल्प
बाइक रैली के समापन पर अधिकारियों ने कहा कि फाइलेरिया को समाप्त करना सामूहिक प्रयासों से ही संभव होगा। इसके लिए जरूरी है कि हर नागरिक इस अभियान में अपनी भूमिका निभाए और दवा का सेवन करे। उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य 100 प्रतिशत लोगों तक दवा पहुंचाना है, ताकि पाकुड़ को पूरी तरह से फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत यह बाइक रैली एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर जनभागीदारी देखी गई। जिला प्रशासन ने उम्मीद जताई कि इस जागरूकता अभियान के जरिए लोगों की सोच में बदलाव आएगा और वे फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचने के लिए समय पर दवा का सेवन करेंगे।