पाकुड़: जिले में पेयजल, स्वच्छता और पंचायत भवनों के सुदृढ़ीकरण को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में गुरुवार को उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला परियोजना प्रबंधक, ई-पंचायत, सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, पंचायत सचिव, मुखिया एवं अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। बैठक में जिले के पंचायत सचिवालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए।
आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में मिलेगी पेयजल व स्वच्छता सुविधा
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि 31 मार्च 2025 तक जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में पेयजल आपूर्ति, शौचालयों की मरम्मत और हैंडवाश यूनिट की स्थापना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और जल आपूर्ति से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सभी सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्य होनी चाहिए ताकि आमजन को किसी प्रकार की समस्या न हो।
उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे इन कार्यों की निगरानी करें और समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट सौंपें। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में इन सुविधाओं की अनदेखी नहीं की जाएगी और समय सीमा के भीतर सभी कार्यों को पूरा करना अनिवार्य होगा।
पंचायत सचिवालय भवनों को बनाया जाएगा आदर्श पंचायत भवन
बैठक में पंचायत सचिवालय भवनों को आदर्श पंचायत भवन में तब्दील करने का निर्देश भी दिया गया। उपायुक्त ने पंचायत सचिवों से कहा कि वे अपने पंचायत भवनों को प्रतिदिन समय पर खोलें और बायोमेट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करें।
इसके अलावा, उन्होंने निर्देश दिया कि पंचायत सचिवालयों में सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिनमें शामिल हैं:
- पेयजल और क्रियाशील शौचालय
- जनप्रतिनिधियों और पंचायत कर्मियों के कक्षों के बाहर नेम प्लेट
- फूलों के गमले, नोटिस बोर्ड, वाइट बोर्ड और सुझाव पेटी की व्यवस्था
- कमरों के दरवाजों और खिड़कियों पर पर्दे
- पेपर स्टैंड और दैनिक समाचार पत्रों की उपलब्धता
- झंडोतोलन स्थल का निर्माण
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सभी कार्यों को 31 मार्च 2025 तक पूरा करना अनिवार्य है, ताकि पंचायत सचिवालय भवनों को एक आदर्श और व्यवस्थित स्वरूप दिया जा सके।
15वें वित्त आयोग की राशि का सही इस्तेमाल करें पंचायतें
बैठक के दौरान उपायुक्त ने 15वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग की समीक्षा की। उन्होंने पंचायत सचिवों और मुखियाओं को निर्देश दिया कि वे ग्राम पंचायत स्तर पर आवश्यक योजनाओं की पहचान कर इस राशि का सदुपयोग करें।
इसके तहत उन्होंने निर्देश दिया कि पंचायतों में खराब पड़े जलमीनार और स्ट्रीट लाइट की मरम्मत जल्द से जल्द कराई जाए, ताकि ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं की परेशानी न हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी पंचायतें अपनी योजनाओं को तेजी से लागू करें और विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न करें।
MDA-IDA अभियान में हर नागरिक को मिले दवा, जागरूकता बढ़ाने के निर्देश
बैठक में MDA-IDA (Mass Drug Administration) अभियान को भी प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चल रहे इस अभियान में अभी भी कई लोग दवा खाने से वंचित हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें दवा खाने के लिए प्रेरित किया जाए।
इसके साथ ही, उन्होंने गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया, ताकि लोग इस दवा के महत्व को समझें और स्वयं भी इसे लें तथा दूसरों को भी प्रेरित करें।
प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
बैठक में उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी दी और योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की।
उपायुक्त ने बैठक के अंत में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पंचायतों में चल रहे कार्यों की नियमित समीक्षा करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासन हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।
यह बैठक जिले के विकास कार्यों में गति लाने और पंचायत स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।