जल संरक्षण से समृद्ध होगी धरती, जल संचयन से ही होगा विकास
पाकुड़: जल संरक्षण और मृदा प्रबंधन को लेकर शुक्रवार को रविंद्र भवन टाउन हॉल में जिलास्तरीय वाटरशेड यात्रा समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के तहत आयोजित किया गया, जिसमें उपायुक्त मनीष कुमार ने जल संचयन के महत्व को रेखांकित किया। इस मौके पर उपायुक्त ने लोगों को जल संरक्षण और भूमि प्रबंधन की शपथ दिलाई और जलछाजन योजना के तहत किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।
जल संचयन से खुशहाल होगा भविष्य
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि जल बचाने और उसे पुनर्भरण करने की जरूरत को समझना आज के समय की प्राथमिकता है। जल ही जीवन का आधार है, और इसका संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि जलछाजन योजना के अंतर्गत तालाब, डोभा, टीसीबी आदि संरचनाओं का निर्माण कर ग्रामीणों को जल संचयन के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण से न केवल खेती-बाड़ी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भूजल स्तर भी मजबूत होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी लाभान्वित होंगी।
वाटरशेड जागरूकता रथ को दिखाई हरी झंडी
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त मनीष कुमार ने वाटरशेड जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रथ के माध्यम से ग्रामीणों को जल संरक्षण की महत्ता और जलछाजन योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी बचाने की दिशा में प्रशासन पूरी तरह से संकल्पबद्ध है और इस कार्य में सामाजिक भागीदारी को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
भूमि एवं जल संरक्षण पर जोर
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया ने कहा कि जल संरक्षण आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने बताया कि मृदा एवं जल संरक्षण से न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि पर्यावरण संतुलन को भी बनाए रखा जा सकता है। जलछाजन परियोजना के माध्यम से वर्षा जल का संचयन कर इसे खेती और अन्य उपयोगी कार्यों में लाया जा सकता है।
सभी हितधारकों ने साझा किए विचार
इस कार्यक्रम में विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी मृत्यंजय कुमार, जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत, सांसद प्रतिनिधि श्याम यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुमार सरकार, पाकुड़ विधायक प्रतिनिधि गोकुल अहमद, लिट्टीपाड़ा विधायक प्रतिनिधि अजीजुल इस्लाम समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने जल संरक्षण और वाटरशेड योजना के महत्व को समझाया और इस दिशा में सामूहिक प्रयास करने की अपील की।
ग्रामीणों की भागीदारी से ही होगा जल संरक्षण संभव
उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि जल संरक्षण में ग्रामीणों की सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जल संचयन की विभिन्न योजनाओं जैसे तालाब, डोभा, टीसीबी और जलकुंड के निर्माण से ही हम अपनी धरती को हरा-भरा बना सकते हैं। ग्रामीणों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक होना होगा।
सम्मानित किए गए जल संरक्षण से जुड़े लाभुक
इस कार्यक्रम के दौरान उन लाभुकों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने जल संचयन और भूमि संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किए हैं। उपायुक्त ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया और अन्य ग्रामीणों को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
जल बचाना मानवता के लिए सबसे बड़ा कार्य
उपायुक्त मनीष कुमार ने जल की बर्बादी रोकने और पानी के सही उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है और इसे बचाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने उपस्थित लोगों को जल संचयन की तकनीकों की जानकारी देते हुए बताया कि कैसे वर्षा जल का संरक्षण कर इसे कृषि और अन्य कार्यों में लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत जल संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया जा रहा है, जिससे हर खेत में हरियाली और हर घर में खुशहाली लाई जा सके।
जलछाजन कार्यक्रम से मिलेगा समुचित विकास
पाकुड़ जिला अनियमित वर्षा के कारण अक्सर सूखे की स्थिति का सामना करता है, जिससे खेती और अन्य कृषि कार्य प्रभावित होते हैं। जलछाजन कार्यक्रम से संसाधनों का सही उपयोग किया जा सकता है और वर्षा जल का समुचित प्रबंधन कर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
सामूहिक प्रयासों से होगा जल संरक्षण संभव
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने जल संरक्षण और मृदा प्रबंधन को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने पर जोर दिया। यह तय किया गया कि जल संचयन से जुड़े अभियानों में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि जल संकट से बचा जा सके और हर क्षेत्र में हरियाली लाई जा सके।