छात्रों को कानूनी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम
पाकुड़: झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष झालसा, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने झारखंड के सभी डीएवी स्कूलों में कानूनी साक्षरता क्लबों का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह आयोजन 23 फरवरी 2025 को वर्चुअल माध्यम से संपन्न हुआ, जिसमें झारखंड राज्य के विभिन्न न्यायिक अधिकारियों, डीएवी स्कूलों के प्राचार्यों, शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया।
पाकुड़ के डीएवी स्कूलों में कानूनी क्लबों का शुभारंभ
इस अवसर पर पाकुड़ जिले के डीएवी गोकुलपुर और डीएवी महेशपुर में भी कानूनी साक्षरता क्लबों का विधिवत उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान विद्यालय में विशाल माझी (एसीजेएम), सादिश उज्ज्वल बेक (एसडीजेएम), लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के गंगाराम टुडू, अजफर हुसैन, डीएलएसए सहायक नंदलाल पाल, रंजीत हेंब्रम, शिक्षक अमित कुमार और अरुण रंजन उपस्थित रहे। इनके साथ ही पैरा लीगल वॉलंटियर्स चंदन रविदास और नीरज कुमार राउत ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई।
न्यायिक अधिकारियों और छात्रों की भागीदारी
इस कार्यक्रम में छात्र देव नारायण सहा, आकृति गौरव, अमन भगत और अंकित कुमार ने भी भाग लिया। इसके अलावा, अन्य न्यायिक अधिकारी और विभिन्न हितधारक भी इस वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़े। न्यायिक अधिकारियों ने इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों की जानकारी दी।
कानूनी साक्षरता क्लबों से छात्रों को मिलेगा लाभ
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए, शेष नाथ सिंह ने इस अवसर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि इन साक्षरता क्लबों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को कानूनी रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि यह पहल छात्रों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और न्यायिक प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक बनाएगी, जिससे वे समाज में एक ज़िम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकें।
झालसा की महत्वपूर्ण पहल
झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल छात्रों में कानूनी जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें न्याय प्रणाली की बुनियादी समझ भी देगा। इसके माध्यम से छात्र अपने अधिकारों की रक्षा करने और समाज में न्याय की भावना को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे।
न्यायिक ज्ञान से सशक्त होगा भविष्य
इस कार्यक्रम के माध्यम से झारखंड के सभी डीएवी स्कूलों में कानूनी शिक्षा को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया है। इससे छात्र कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त कर सामाजिक न्याय के प्रति अधिक संवेदनशील बन सकेंगे।