पाकुड़, 1 मार्च 2025: शहर में यातायात की सुगमता और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अनुमंडल पदाधिकारी साइमन मरांडी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने मालगोदाम के निकट स्थित केलब्रिज संख्या 233 का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य रेलवे मार्ग को आमजनों के आवागमन के योग्य बनाना और सबवे निर्माण की संभावनाओं का आकलन करना था।
निरीक्षण दल में शामिल अधिकारी और विशेषज्ञ
इस निरीक्षण दल में अंचल पदाधिकारी भागीरथ महतो, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता वीर राधवन, सहायक अभियंता प्रदीप कुमार बसाक, पूर्व रेलवे पाकुड़ के कनिष्ठ अभियंता परितोष रंजन और अनुभाग अभियंता (दूरभाष) संजय कुमार ओझा मौजूद रहे। इसके अलावा ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हिसाबी राय, सचिव राणा शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता सुशील साहा और अनिकेत गोस्वामी भी उपस्थित थे।
रेलवे फाटक के विकल्प की तलाश
इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हिसाबी राय ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर शहरी क्षेत्र में यातायात को सुचारू करने की मांग की थी। ज्ञापन में पाकुड़ मालगोदाम रोड पर स्थित केलब्रिज संख्या 233 को आमजनों के लिए विकसित करने का अनुरोध किया गया था। इसी संदर्भ में स्थलीय निरीक्षण किया गया और यह पाया गया कि यह मार्ग मत्स्य विभाग के पास स्थित तांतीपाड़ा तक विभिन्न यातायात मार्गों को जोड़ सकता है।
जाम से मिलेगी राहत, दुर्घटनाओं में आएगी कमी
निरीक्षण दल ने माना कि यदि इस केलब्रिज को विकसित किया जाता है, तो यह एक महत्वपूर्ण मार्ग बन सकता है। इससे दो पहिया वाहन, ई-रिक्शा, साइकिल और पैदल यात्रियों के लिए सुगम आवागमन का रास्ता उपलब्ध होगा। इसके साथ ही, रेलवे फाटक, हरिणडंगा बाजार, सबवे और गांधी चौक जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर लगने वाले जाम में भी भारी कमी आने की संभावना है।
घनी आबादी वाले क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
गौरतलब है कि पाकुड़ मालगोदाम के आसपास कैलाश नगर, बागतीपाड़ा, रेलवे कॉलोनी, हटात पाड़ा और पार्वती नगर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र स्थित हैं। इन इलाकों के निवासी, स्कूली बच्चे, महिलाएं और वृद्धजन रेलवे लाइन पार करने के लिए मजबूर होते हैं, क्योंकि वर्तमान में रेलवे का भूमिगत पथ करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित है।
इसके अलावा, इस मार्ग का उपयोग इसाकपुर, रहसपुर, नवादा, ईलामी, तारानगर, मनीरामपुर और संग्रामपुर के लोग भी करते हैं। ऐसे में अगर इस केलब्रिज को आवागमन के लिए विकसित किया जाता है, तो यह एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का मार्ग बन सकता है।
उपायुक्त को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
निरीक्षण दल द्वारा जांच की विस्तृत रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन द्वारा इस मार्ग को विकसित करने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
अगर इस मार्ग को विकसित किया जाता है, तो यह शहर में यातायात का दबाव कम करने और आम नागरिकों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा देने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे भविष्य में रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को भी रोका जा सकेगा।