🌟 पाकुड़ के समाजसेवी लुत्फल हक को दिल्ली में मिला राष्ट्रीय सम्मान
पाकुड़ के लोकप्रिय और सेवाभावी व्यक्तित्व लुत्फल हक ने एक बार फिर जिले का नाम रौशन किया है। वे दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के हाथों समाजसेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सम्मानित हुए। यह सम्मान उन्हें उनके निस्वार्थ सामाजिक कार्यों के लिए प्रदान किया गया, जिसने न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें पहचान दिलाई है।
भारत मंडपम में आयोजित हुआ ‘भारत की उड़ान’ कार्यक्रम
यह सम्मान दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘भारत की उड़ान’ नामक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया गया। इस मंच पर देशभर से लगभग 250 प्रमुख उद्योगपतियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में मिजोरम के राज्यपाल वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सतीश चंद्र दुबे, एसपी सिंह बघेल, हरीश मल्होत्रा, ज्वेल ओरम तथा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जैसे अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। इन्हीं प्रतिष्ठित हस्तियों के बीच लुत्फल हक को सम्मानित किया जाना पाकुड़ के लिए गौरव का विषय है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के हाथों मिला अवार्ड
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंच पर खुद लुत्फल हक को बुलाकर उन्हें सम्मान चिन्ह और प्रशस्ति पत्र सौंपा। इस अवसर पर मंत्री ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि “देश को ऐसे ही सामाजिक कार्यकर्ताओं की जरूरत है, जो निर्बल वर्ग की सेवा को अपना धर्म मानते हैं।” यह शब्द लुत्फल हक के वर्षों की मेहनत और गरीबों के लिए समर्पण को प्रमाणित करते हैं।
सम्मान को गरीबों और असहायों के नाम किया
लुत्फल हक ने मंच से बोलते हुए कहा, “मैं यह सम्मान खुद के लिए नहीं, बल्कि उन गरीबों और असहाय लोगों के नाम करता हूं, जिनकी दुआओं ने मुझे यहां तक पहुंचाया है।” उन्होंने कहा कि पाकुड़ की जनता और गरीबों का प्रेम ही है, जो उन्हें देश-विदेश में पहचान दिला रहा है। उन्होंने पाकुड़ प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें सहयोग और समर्थन दिया।
हर दिन 300 गरीबों को भोजन, वर्षों से जारी सेवा
उल्लेखनीय है कि लुत्फल हक का नाम आज केवल पाकुड़ ही नहीं, बल्कि झारखंड और दूसरे राज्यों में भी गरीबों की मदद करने वाले एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। वे पाकुड़ रेलवे स्टेशन परिसर में पिछले तीन वर्षों से हर दिन लगभग 300 जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। इस सेवा के लिए वे न किसी से धन मांगते हैं, न प्रचार करते हैं — उनका विश्वास केवल मानवता की सेवा में है।
गरीबों की सेवा ही जीवन का उद्देश्य
लुत्फल हक का कहना है, “अगर मेरे छोटे से प्रयास से किसी गरीब के चेहरे पर मुस्कान आती है, तो वही मेरे लिए सबसे बड़ा इनाम है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जीवन है, वे गरीबों और असहायों की सुख-दुख में भागीदारी निभाते रहेंगे। उन्होंने खुदा से यह दुआ मांगी कि वे हमेशा जरूरतमंदों के लिए सहारा बने रहें।
पाकुड़ की पहचान बन चुके हैं लुत्फल हक
आज लुत्फल हक केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक उम्मीद, एक सहारा और एक प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी निस्वार्थ सेवा और जनहित में समर्पण ने उन्हें समाज का हीरो बना दिया है। दिल्ली के मंच पर उन्हें जो सम्मान मिला है, वह सिर्फ उनकी नहीं, पाकुड़ की पूरी जनता की जीत है।
🔖 यह उपलब्धि इस बात का प्रतीक है कि सेवा, समर्पण और सद्भाव से कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय मंच पर पहचान बना सकता है — और लुत्फल हक इसकी जीवंत मिसाल हैं।