पीडीजे शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक पदाधिकारियों की बैठक आयोजित
पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में नब्बे दिवसीय मध्यस्थता अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक पीडीजे कक्ष में संपन्न हुई, जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारी शामिल हुए।
मध्यस्थता अभियान की सफलता के लिए की गई गहन समीक्षा
बैठक का मुख्य उद्देश्य नब्बे दिवसीय मध्यस्थता अभियान 2025 की प्रगति की समीक्षा करना तथा इसे अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाना था। इस दौरान कई कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई, ताकि अधिकतम लंबित वादों का निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके और आम जनता को न्याय त्वरित, सरल और सुलभ तरीके से मिल सके।
वादों के निष्पादन में तेजी लाने पर विशेष जोर
बैठक में विशेष रूप से इस बात पर बल दिया गया कि अधिक से अधिक मामलों का मध्यस्थता के माध्यम से समाधान निकाला जाए, जिससे पक्षकारों को लंबी कानूनी प्रक्रिया से राहत मिले। न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे ऐसे मामलों की पहचान करें, जिनका सुलह के माध्यम से शीघ्र निष्पादन संभव हो, और उसे प्राथमिकता से निपटाएं।
न्यायिक प्रक्रिया को सरल व सुलभ बनाने पर विमर्श
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि आम नागरिकों के लिए न्यायिक प्रक्रिया को कैसे और अधिक आसान एवं जनहितैषी बनाया जा सके। इसमें न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ी प्रारंभिक जटिलताओं को समाप्त करने, सूचनाओं की पारदर्शिता बढ़ाने तथा प्रभावी समन्वय के साथ कार्य करने पर बल दिया गया।
सभी न्यायिक पदाधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने उपस्थित सभी न्यायिक पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अभियान के दौरान हर स्तर पर सतर्कता और तत्परता जरूरी है। उन्होंने निर्देशित किया कि समन्वय, पारदर्शिता और समयबद्ध कार्रवाई के जरिए इस अभियान को जनहित में प्रभावशाली बनाया जाए।
बैठक में शामिल रहे प्रमुख न्यायिक पदाधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजीत कुमार चंद्रा, सचिव रूपा बंदना किरो, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, तथा प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास उपस्थित रहे। सभी ने साझा रूप से मध्यस्थता अभियान की सफलता के लिए अपने-अपने सुझाव एवं अनुभव साझा किए।
📌 यह बैठक मध्यस्थता अभियान के तहत न्याय की पहुँच को व्यापक और त्वरित बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। पीडीजे शेष नाथ सिंह के नेतृत्व में लिया गया यह कदम निश्चित रूप से न्याय प्रणाली में भरोसे और पारदर्शिता को और अधिक मज़बूती प्रदान करेगा। आने वाले दिनों में यह अभियान लाखों लोगों को त्वरित न्याय दिलाने का माध्यम बन सकता है।