पाकुड़ में स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन
पाकुड़ में 79वां स्वतंत्रता दिवस अत्यंत धूमधाम और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। सुबह से ही पूरे नगर में तिरंगे की शान लहराती दिखाई दे रही थी। जगह-जगह स्कूलों, संस्थानों और सामाजिक संगठनों द्वारा ध्वजारोहण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में आयोजित एक विशेष समारोह में समाजसेवी अजहर इस्लाम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और अपने ओजस्वी संबोधन से सभी का मन मोह लिया।
ध्वजारोहण का भावनात्मक क्षण
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था ध्वजारोहण का पल, जब उपस्थित जनसमूह ने पूरे सम्मान और गर्व के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। ध्वज फहरते ही वातावरण भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारों से गूंज उठा। इस अवसर पर उपस्थित लोगों में गहरी देशभक्ति और गौरव का भाव देखा गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी की आंखों में चमक और चेहरे पर गर्व झलक रहा था।
वीर सपूतों को श्रद्धांजलि
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए अजहर इस्लाम ने कहा –
“आज का पावन दिवस हमें उन वीर सपूतों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता का अमूल्य उपहार दिया।”
उन्होंने सभी को स्मरण कराया कि आज़ादी हमें यूं ही नहीं मिली, इसके लिए हमारे पूर्वजों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बलिदान की अमर गाथाएं लिखीं। हमें न केवल उनके संघर्ष को याद रखना चाहिए, बल्कि उनकी बलिदानी विरासत को आगे बढ़ाना भी हमारा कर्तव्य है।
आज़ादी केवल उत्सव नहीं, जिम्मेदारी भी
अजहर इस्लाम ने अपने भाषण में कहा कि 15 अगस्त का यह दिन सिर्फ उत्सव का दिन नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है कि हम आत्मचिंतन करें और सोचें कि इस आज़ादी को हम कैसे और मजबूत बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि आजादी की रक्षा केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
राष्ट्र की एकता और भाईचारे का संदेश
अपने संबोधन में उन्होंने कहा –
“हमारा कर्तव्य है कि हम राष्ट्र की एकता, अखंडता और भाईचारे को बनाए रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण करें।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और हर परिस्थिति में देशहित को सर्वोपरि रखना चाहिए।
आज़ादी की रक्षा में संकल्प और परिश्रम का महत्व
अजहर इस्लाम ने कहा कि आज़ादी हमें विरासत में मिली है, लेकिन इसकी रक्षा हमारे संकल्प, परिश्रम और एकता से होगी। उन्होंने उपस्थित युवाओं से विशेष रूप से अपील की कि वे अपने ज्ञान, ऊर्जा और कौशल का उपयोग देश को आगे ले जाने में करें। उन्होंने कहा कि केवल आर्थिक विकास ही नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और नैतिक मूल्यों को भी मजबूत करना जरूरी है।
समापन में गूंजे देशभक्ति के नारे
भाषण के अंत में अजहर इस्लाम ने पूरे जोश के साथ नारे लगाए – “जय हिंद!” और “वंदे मातरम्!”, जिनके साथ ही पूरा माहौल देशभक्ति के रंग में रंग गया। कार्यक्रम के बाद लोगों ने एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और बच्चों में मिठाइयां वितरित की गईं।