परिवहन विभाग की पहल
पाकुड़ जिला ऑटो-ई-रिक्शा ऑनर्स/चालक एसोसिएशन की विशेष मांग पर जिला परिवहन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार चौधरी के निर्देशानुसार सोमवार को रेलवे ऑटो स्टैंड परिसर में एक विशेष कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप का उद्देश्य जिले में संचालित ऑटो-ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन, चालकों के नए लाइसेंस बनाने और पुराने लाइसेंस में सुधार करना था। यह कैंप जिला परिवहन कार्यालय की ओर से आयोजित किया गया, जिससे बड़ी संख्या में चालकों और वाहन मालिकों को लाभ मिलने की उम्मीद थी।
अधिकारियों की उपस्थिति
कैंप में जिला पथ सुरक्षा पदाधिकारी रितेश कुमार, मोटर यान निरीक्षक सूरज कुमार, अमित कुमार, अजहद अंसारी समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने चालकों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, लाइसेंस से जुड़ी औपचारिकताओं और ड्रेस कोड के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
अन्य प्रखंडों से भी पहुंचे चालक
इस विशेष कैंप में सिर्फ पाकुड़ जिला मुख्यालय से ही नहीं बल्कि हिरणपुर, महेशपुर और लिट्टीपाड़ा जैसे विभिन्न प्रखंडों से भी बड़ी संख्या में ऑटो-ई-रिक्शा मालिक और चालक शामिल हुए। इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के सभी हिस्सों के चालकों ने इस पहल में गहरी रुचि दिखाई और अपने दस्तावेजों को अपडेट कराने की कोशिश की।
दस्तावेजों की कमी बनी बाधा
हालांकि कैंप में मौजूद चालकों और मालिकों को पूरी जानकारी दी गई, लेकिन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस बनाने का कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। इसका मुख्य कारण जरूरी कागजातों की कमी रही। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि दस्तावेज पूरे होने पर ही आवेदन स्वीकार किए जा सकेंगे।
शोरूम पर गंभीर आरोप
एसोसिएशन के अध्यक्ष हिसाबी राय ने कैंप के दौरान एक गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिले में कई ऑटो-ई-रिक्शा शोरूम संचालित हो रहे हैं, जो अपने खरीदारों को पूर्ण कागजात उपलब्ध नहीं कराते। इतना ही नहीं, रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली जाती है। इस तरह की अनियमितताओं के खिलाफ एसोसिएशन जल्द ही उपायुक्त, परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त तक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।
ड्रेस कोड को लेकर जागरूकता
कैंप में एसोसिएशन के सचिव अनिकेत गोस्वामी ने बताया कि परिवहन कार्यालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के आलोक में सभी चालक अब अपने-अपने ड्रेस कोड को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी ऑटो-ई-रिक्शा चालक निर्धारित वर्दी में नजर आएंगे। इससे न केवल अनुशासन का संदेश जाएगा बल्कि पहचान और सुरक्षा की दृष्टि से भी यह व्यवस्था महत्वपूर्ण साबित होगी।
बड़ी संख्या में चालक रहे मौजूद
कैंप में जिले के सभी प्रखंडों से चालक और मालिक पहुंचे। इनमें मोनी कुमार सिंह, शब्बीर हुसैन, सुशील साहा, सादेकुल शेख, हसीबुल शेख, राहुल रजक, शुभंकर सरकार, बलराम हरिजन, महावीर सरकार, मोनु भगत, मनोज मंडल, छोटू भगत, दिलवर हुसैन, कालू शेख, मोहम्मद अलीम शेख समेत दर्जनों लोग शामिल थे। सभी ने परिवहन विभाग की इस पहल की सराहना की और इसे ऑटो-ई-रिक्शा व्यवसाय को संगठित करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
यह कैंप भले ही दस्तावेजों की कमी के कारण सफलतापूर्वक आगे नहीं बढ़ सका, लेकिन इसने ऑटो-ई-रिक्शा चालकों और मालिकों को एक मंच पर लाकर उन्हें नियमित प्रणाली से जोड़ने की दिशा में एक अहम शुरुआत की है। आने वाले समय में अगर कागजात की समस्या दूर हो जाती है तो निश्चित रूप से इस तरह के कैंप से जिले में ऑटो-ई-रिक्शा परिवहन व्यवस्था और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी होगी।