झालसा रांची के निर्देशानुसार पहल
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ के तत्वावधान में शनिवार को मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़, शेष नाथ सिंह ने की। इस दौरान प्रभारी सचिव विशाल मांझी भी उपस्थित रहे।
आठ बेंच का गठन और वादों का निपटारा
लोक अदालत के लिए कुल आठ अलग-अलग बेंच का गठन किया गया। इन बेंचों के माध्यम से कुल 18 वादों का निष्पादन किया गया। इन मामलों में आपसी सहमति और समझौते के आधार पर न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सहज तरीके से आगे बढ़ाया गया। लोक अदालत की खासियत यही है कि यहां मामलों का निपटारा जल्दी और सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया जाता है।
लाखों रुपए का समझौता
इस लोक अदालत में वादों के निपटारे के साथ-साथ कुल 14 लाख 3 हजार 100 रुपए का आपसी समझौता भी कराया गया। यह राशि संबंधित पक्षकारों को न्यायालय की देखरेख में तय कराई गई, जिससे दोनों पक्षों को त्वरित राहत मिली।
न्यायिक पदाधिकारी और पक्षकारों की उपस्थिति
इस अवसर पर न्यायालय के न्यायिक पदाधिकारी, वादी और प्रतिवादी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने लोक अदालत की प्रक्रिया को देखा और समझा कि किस तरह से विवादों का शीघ्र और मैत्रीपूर्ण समाधान संभव है।
लोक अदालत की महत्ता
लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा करना है। इससे न केवल न्यायालयों पर भार कम होता है, बल्कि पक्षकारों को भी जल्दी न्याय मिल जाता है। इसके अलावा, लोक अदालत में होने वाले समझौते दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर किए जाते हैं, जिससे भविष्य में विवाद की संभावना समाप्त हो जाती है।
समाज में विश्वास की स्थापना
लोक अदालत के सफल आयोजन से आम नागरिकों में यह विश्वास मजबूत होता है कि न्यायालय केवल लंबी प्रक्रिया का स्थान नहीं है, बल्कि यहां पर त्वरित और सुलभ न्याय भी उपलब्ध है। इस तरह के आयोजन से न्याय व्यवस्था और समाज के बीच सौहार्द और विश्वास का रिश्ता और मजबूत होता है।