🔹 प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन
पाकुड़। एकल अभियान अंचल पाकुड़ में आयोजित 10 दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभ समापन उत्साहपूर्ण माहौल में किया गया। यह प्रशिक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक जागरूकता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न गांवों से आए प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
🔹 दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत
समापन समारोह की शुरुआत संयुक्त दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम चंद्र यादव ने की। इस अवसर पर विश्वनाथ भगत, हरि सत्संग समिति के अध्यक्ष, मृत्युंजय घोष, विभाग कार्यवाह, तथा मुकेश कुमार, जिला प्रचारक, सहित अन्य पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।
🔹 अतिथियों का प्रेरणादायक संबोधन
समापन कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने नवीन प्रशिक्षुओं को उत्कृष्ट मार्गदर्शन व प्रेरणादायक विचारों से संबोधित किया।
संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से–
- मृत्युंजय घोष
- मुकेश कुमार, जिला प्रचारक
- उदय सिंह, सचिव
- विश्वनाथ भगत, अध्यक्ष
- महादेव रविदास, सेवानिवृत्त अधिकारी
- अमर भगत, अध्यक्ष, एकल अभियान संच, पाकुड़िया
- योगेश कुमार
सभी वक्ताओं ने एकल अभियान की भूमिका, ग्रामीण उत्थान में शिक्षा के महत्व और समाज में आचार्यों की जिम्मेदारियों पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन अंत में श्याम चंद्र यादव द्वारा किया गया।
🔹 35 नवीन आचार्यों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण
इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण में कुल 35 नवीन आचार्यों ने भाग लिया। ये आचार्य आने वाले समय में अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
🔹 अनुभवशील प्रशिक्षकों ने दिया मार्गदर्शन
प्रशिक्षण सत्रों का संचालन एकल अभियान के अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा किया गया। प्रशिक्षक के रूप में—
- राम किसन सोरेन, अंचल अभियान प्रमुख
- डॉ. कुमार राय
- शिवकुमार
- रामजतन टुडू
- बाहा ज्योति किस्कू
- नैनी सोरेन
- उषा देवी
- गीता देवी
इन सभी प्रशिक्षकों ने शिक्षा पद्धति, नैतिक मूल्यों, सामुदायिक सेवा, बाल विकास और ग्रामीण नेतृत्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया।
🔹 विभिन्न गांवों से पहुँचे प्रतिभागी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पाकुड़िया, राधानगर, पाकुड़, चांपा डंगा, पटना, और चुटिया ग्राम से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। विविध क्षेत्रों से आए प्रशिक्षुओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी और सार्थक बनाया।


