झारखंड में शीत लहरी का प्रकोप जारी है. झारखंड सरकार ने शीत लहरी को देखते हुए कक्षा पांच तक के स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है लेकिन भीषण ठंड के बावजूद निजी स्कूलों द्वारा वर्ग 1-5 तक की कक्षा बंद नहीं किये जाने का बाल कल्याण समिति ने स्वतः संज्ञान लिया है. भीषण शीत लहरी के प्रकोप और राज्य सरकार के आदेश के बावजूद इस आयुवर्ग के बच्चों को सुबह-सुबह विद्यालय आने के लिए मजबूर करना बाल अधिकारों के उल्लंघन के साथ ही अमानवीय भी है. समिति ने सभी निजी स्कूलों में भी वर्ग 1-5 तक कक्षा का संचालन 14 जनवरी तक बंद करने आदेश दिया है.
दिया गया था ये निर्देश
दरअसल स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार ने भीषण शीतलहरी के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए निजी विद्यालयों में भी 07 जनवरी तक वर्ग 1-5 तक का शैक्षणिक कार्य बंद रखने का आदेश दिया था. पुनः 08 जनवरी को विभाग द्वारा निजी विद्यालयों में भी वर्ग 1-5 तक का शैक्षणिक कार्य 14 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है. वर्ग 1-5 में पढ़ने वाले अभिभावकों ने समिति को सूचित किया था कि दुमका शहर में स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल और होली चाइल्ड स्कूल प्रबंधन द्वारा इस विभागीय आदेश की अवहेलना करते हुए वर्ग 1-5 तक का भी शैक्षणिक कार्य निर्बाध रूप से चलाया जा रहा है.
कई अन्य निजी विद्यालयों में भी वर्ग 1-5 तक का भी शैक्षणिक कार्य संचालित किया जा रहा है. बाल कल्याण समिति दुमका के चेयरपर्सन डॉ. अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा और सदस्य डॉ. राज कुमार उपाध्याय के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने जूवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 30 (12) के तहत इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश जारी कर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के आदेश के अनुरूप जिले के सभी निजी विद्यालयों में भी वर्ग 1-5 तक का शैक्षणिक कार्य 14.01.2023 तक बंद किया जाना सुनिश्चित करवाने को कहा है.