पटना. बिहार में दूसरे राज्य के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहन मालिकों के लिए खबर चिंताजनक है. प्रदेश में अब दूसरे राज्यों के नंबर की गाड़ियां फ्री में नहीं चलेंगी. प्रदेश सरकार ऐसे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. अगर आप अस्थायी रूप से बिहार में दूसरे राज्य के नंबर वाले वाहन चला रहे हैं, तो आपको यह साबित करना होगा कि कुछ दिन पहले ही प्रदेश में आए हैं. फिलहाल एक महीने का समय दिया गया है. अगर एक महीने बाद भी इस तरह के वाहन चलते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके मालिकों को 5000 रुपये का चालान भरना पड़ेगा.
नये नियम के मुताबिक दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाले वाहनों की नियमित जांच की जाएगी. जांच अभियान के दौरान आपको दूसरे राज्य के पेट्रोल पंप, टोल प्लाजा की रसीद या फिर ऐसे डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे जो साबित करें कि आप कुछ दिन पहले ही बिहार आए हैं. अगर डॉक्यूमेंट 30 दिनों से अधिक पुराना हुए तो आपको 5000 रुपये का फाइन देना होगा.
BH सीरीज वाले वाहन भी बच जाएंगे
अगर आपके वाहन का नंबर बीएच सीरीज का है, तो आपको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप इस जांच अभियान से आसानी से निकल सकते हैं. आपको बता दें कि बीएच सीरीज वाले नंबर पूरे देश में मान्य हैं. यह नंबर उन लोगों को दिया जाता है जो मुख्य रूप से रक्षा क्षेत्र से जुड़े हों या फिर जो राज्य या केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं. निजी कंपनियों के कर्मचारी भी आवेदन कर सकते हैं, जिनके कंपनी की देश में चार या अधिक राज्यों में ऑफिस हो. इसके लिए आवेदन ऑनलाइन करना होता है.
क्यों बना यह नियम? और क्या है उपाय?
दरअसल, यह काम राज्य सरकार टैक्स बढ़ाने के लिए करने जा रही है. ट्रांसपोर्ट एक्सपोर्ट प्रकाश जायसवाल बताते हैं कि परिवहन विभाग की भाषा में चेंज ऑफ एड्रेस या फिर आप इसे एपी यानी ऐट प्रजेंट जैसे शब्दों से समझ सकते हैं.
इसे ऐसे समझें, अगर आप किसी दूसरे राज्य में रहते थे और वहीं आपने वाहन खरीदा था और आप किसी दूसरे राज्य में जाकर रहने लगे हैं, तो आपको उस जगह से अपने वाहन का एनओसी कराना होगा, जहां गाड़ी खरीदी थी. एनओसी के बाद आप जिस राज्य में वर्तमान में रह रहे हैं, वहां के परिवहन कार्यालय से आप अपना एड्रेस चेंज करा लें.