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शशिकांत ओझा/पलामू. जिले के चैनपुर गढ़ के राजा भगवत दयाल सिंह का कार्यकाल सन 1885 से 1900 इसी दौरान उन्होंने दो उद्देश्य के रूप में एक बौलिया तालाब का निर्माण कराया था. अपने काल खंड में राज घराने की महिलाओं के स्नान और राजा अपने स्विमिंग के लिए एक बौलिया का निर्माण कराए थे. कहा जाता है कि अपने काल खंड में राज भगवत दयाल सिंह ने चैनपुर गढ़ से 1 किलोमीटर दूर स्थित मांधाता नदी पर एक बांध का निर्माण कराया था. जहां से पानी इस बौलिया में आता था. सीमेंट की दीवाल से इस बौलिया की घेराबंदी की गई है. साथ ही इस बौलिया को इस प्रकार बनाया गया है कि एक तरफ से पानी आता था. दूसरी तरफ से किसानों के खेत में जाता था.
उनके वंशज टिकैत विष्णु देव नारायण सिंह ने बताया की हमारे पूर्वज द्वारा इस बौलिया का निर्माण कराया गया था. इस बौलिया को उन्होंने दो उद्देश्य से बनाया था. पहला उद्देश्य था की इस बौलिया का निर्माण कर कृषि कार्य हेतु सिंचाई और जल संचयन के रूप में प्रयोग किया जा सके. दूसरा उद्देश्य यह था की राज घराने की महिलाएं स्नान कर सके. इसको लेकर निर्माण कराया गया था.
राज घराने की महिलाएं बौलिया में करती थी स्नान
उनके वंशज ने बताया कि राजा भगवत दयाल सिंह स्विमिंग बहुत अच्छा किया करते थे. उन्हे स्विमिंग का शौक था. साथ ही रानियां और राज घराने की महिलाएं भी करती थी फन. अपने शौक को पूरा करने के लिए गढ़ के अंदर इस बौलिया का निर्माण कराए थे. जिसमे उनके बाद राजा ब्रंभदेव नारायण सिंह स्नान किए. राजा ब्रजदेव नारायण सिंह इस बौलिया का इस्तेमाल किए. उसके बाद से ये बस एक धरोहर के रूप में है. अब इसका पुन: जीर्णोद्वार कराया जायेगा. मांधाता नदी पर बांध बन गया है. इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाना बेहद जरूरी है. इसीलिए इसका पुन: जीर्णोद्वार कराया जायेगा.
वैज्ञानिक पद्धति से बौलिया का कराया गया निर्माण
बता दें की इस बौलिया में प्रवेश करने के लिए सीढ़ी नुमा रास्ता पूर्व से है. बौलिया की गहराई करीबन 50 फीट है. चारों तरफ से सीमेंट की सीढ़ी बनी हुई है. सीमेंट और ईंट के बने होने के कारण बौलिया का पानी गंदा नहीं होता. इसके लिए एक तकनीक इस्तेमाल किया गया था. जो की दक्षिण में स्थित मान्धाता नदी से बांध के पानी के आने का रास्ता और उत्तर की ओर से खेत में जाने के लिए बनाया गया है. जिससे इस बौलिया का पानी कभी गंदा नहीं होता. इस बौलिया में डूबने से किसी की मौत भी नहीं हुई है. कारण की इस बौलिया के गहराई की चौड़ाई नीचे कम और ऊपर ज्यादा है. जिससे बौलिया के पानी का उछाल ऊपर की तरफ है. इससे कोई बौलिया में नहीं डूबता.
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FIRST PUBLISHED : July 01, 2023, 17:11 IST
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