Friday, July 18, 2025
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इस तरह करें वेस्ट वाटर मैनेजमेंट… प्रकृति के साथ आपको भी होगा फायदा, जानें एक्सपर्ट से प्रोसेस

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उधव कृष्ण/पटना: पानी मनुष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. जल के बगैर हमारा एक दिन भी गुजारा नहीं हो सकता. पानी पिए बिना हमारा जीवित रहना भी संभव नहीं है. इसके अलावा जल सिर्फ सेवन ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भी इस्तेमाल होता है. बढ़ती जनसंख्या व अन्य कारणों से आजकल हर तरफ पानी को लेकर समस्या उत्पन्न हो रही है. पानी के संरक्षण और रीसायकल को लेकर सरकारी स्तर पर विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. होटलों, हॉस्पिटलों व इंडस्ट्रीज में वेस्ट वाटर मैनेजमेंट और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में इस खबर में हम आपको वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में बताने जा रहे हैं.

पटना के वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के एक्सपर्ट रंजित कुमार बताते हैं कि- इंडस्ट्रीज एवं घरेलू उपयोग में आने वाले जल की बड़ी मात्रा दूषित जल के रूप में निस्तारित होती है. ये गंदा जल किसी भी जलस्रोत में मिलने पर उसे भी प्रदूषित कर सकता है. जिसके कारण जलस्रोत का जल, पीने अथवा अन्य मानवीय उपयोग के योग्य नहीं रह जाता है. अनेक बार जलस्रोत में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है, जिससे कि मवेशी अथवा कृषि कार्य के लिए भी उसका उपयोग किया जाना सम्भव नहीं होता. अतः इस दूषित जल के किसी जलस्रोत में मिलने से पूर्व उसका ट्रीटमेंट जरूरी है, ताकि जलस्रोतों पर उसका दुष्प्रभाव कम से कम पड़े.

केवस 3 प्रतिशत पानी है पीने योग्य
बता दें कि जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अनुसार दूषित जल का निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप उपचार किया जाना आवश्यक है.गौरतलब है कि हमारी पृथ्वी पर 71 प्रतिशत जल है, पर इसमें से हमारी पीने योग्य पानी केवल 03 प्रतिशत ही है. जिसे अलवणीय जल कहा जाता है. इसका बहुत छोटा भाग ही प्रयोग के लिए उपलब्ध है.

किस तरह होता है वेस्ट वाटर का ट्रीटमेंट ?
रंजित कुमार बताते हैं कि- विभिन्न औद्योगिक इकाइयों द्वारा दूषित जल की प्रकृति के अनुसार उस जल का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाता है. सामान्य तौर पर दूषित जल उपचार संयंत्र में इक्विलीब्रियम टैंक, सेटलिंग टैंक, केमिकल ट्रीटमेंट टैंक, फिल्ट्रेशन टैंक, सोलर इवैपोरेशन टैंक और लैगून इत्यादि होते हैं. रंजित आगे बताते हैं कि- हॉस्पिटल, इंडस्टी और होटलों से निकलने वाले विभिन्न प्रकार के दूषित जल जिसमें अत्यधिक कार्बनिक पदार्थयुक्त दूषित जल भी आते हैं. उनका तीन स्तर पर उपचार किया जाता है. ऐसे जल का उपयोग कार वाशिंग से लेकर फ्लशिंग में किया जा सकता है. रंजित की माने तो इसके अलावा रैन वाटर हार्वेस्टिंग और पीने के पानी में आयरन की मात्रा को कम करने हेतु भी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट संस्थानों एवं घरों में लगाया जा सकता है. पटना में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में जानकारी हेतु आप 9934013834 पर संपर्क कर सकते हैं.

Tags: Bihar News, Local18, PATNA NEWS

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