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दिल्ली पुलिस ने लगभग 7,000 कर्मियों को तैनात किया है और अस्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। ये सभी पुलिस कर्मी चौबीसों घंटों तक निगरानी की जाएगी और पुलिस कर्मी तीन शिफ्ट में काम करेंगे। इलाकों में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखी जाएगी।
आज से पवित्र सावन महीने के साथ ही कांवड़ यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। कांवड़ यात्रा निकालने के दौरान कई कठिन नियमों का पालन किया जाता है। कांवड यात्रा आमतौर पर तीन तरह की होती है जिसमें सबसे कठिन यात्रा को दांडी कांवड़ यात्रा के नाम से जाना जाता है। इस यात्रा के दौरान भक्त हरिद्वार समेत अन्य पवित्र स्थानों से गंगाजल लेकर लौटते है। अधिकतर भक्त गंगाज गौमुख, गंगोत्री, ऋषिकेश और हरिद्वार से गंगाजल लाकर भगवान शिव को अर्पित कर उनका जलाभिषेक करते है।
इस बार कांवड यात्रा की शुरुआत विधिवत तौर पर हो गई है। धर्मनगरी हरिद्वार में भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए भक्त पहुंचने लगे हैं और मां गंगा की नगरी भोलेनाथ के जयकारों से गुंजयमान हो गई है। शुरुआत के एक सप्ताह में कांवड यात्रा पैदल भक्तों के लिए होगी। वहीं 10 जुलाई के बाद डाक कांवड़ की शुरुआत होगी। डाक कांवड़ में वाहनों से कांवड यात्री कांवड़ लेकर गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार पहुंचते है।
इस कांवड यात्रा के लिए यातायात प्लान भी लागू हो गया है। ये प्लान आठ जुलाई से अमल में आएगा। इस दौरान कांवड यात्रा के लिए तय किए गए रास्ते पर भारी वाहनों को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। कांवड़ यात्रियों को अपना पहचान पत्र साथ में रखना अनिवार्य होगा। वहीं इस बार 12 फीट से ऊंची कांवड़ को यात्री नहीं ले जा सकेंगे और इसे ले जाने पर पूर्णत: रोक रहेगी। इस साल 15-20 लाख कांवरियों के शहर से गुजरने की उम्मीद है।
पुलिस ने अप्रिय घटना से बचने के लिए यातायात और सुरक्षा के व्यापक व कड़े इंतजाम किए है। दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों की आवाजाही को अन्य सड़क से अलग करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है। सभी को यातायात नियमों का पालन करने और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के निर्देश का पालन करने की सलाह दी गई है। अगर कोई नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यातायात उल्लंघनों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के माध्यम से मौके पर ही मुकदमा चलाया जाएगा।
कुल सात हजार कर्मी तैनात
दिल्ली पुलिस ने लगभग 7,000 कर्मियों को तैनात किया है और अस्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। ये सभी पुलिस कर्मी चौबीसों घंटों तक निगरानी की जाएगी और पुलिस कर्मी तीन शिफ्ट में काम करेंगे। इलाकों में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखी जाएगी। बता दें कि इस बार यात्रा के दौरान कांवरियों की मदद के लिए दिल्ली भर में लगभग 200 शिविर लगाए गए हैं।
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