National Commission for Minorities: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख इकबाल सिंह लालपुरा ने बुधवार को कहा कि केंद्र और झारखंड सरकार ने तय किया है कि जैन स्थल सम्मेद शिखरजी तीर्थस्थल ही रहेगा और इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित नहीं किया जाएगा. लालपुरा ने कहा कि आयोग ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई की थी जहां झारखंड सरकार ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी करेगी. लालपुरा ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, “ झारखंड में सम्मेद शिखरजी, जिसे लेकर जैन समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, केन्द्र और झारखंड सरकार ने उसे धार्मिक स्थल रहने देने का फैसला लिया है.’’
उन्होंने कहा, “मांस/मदिरा के सेवन की वहां अनुमति नहीं होगी. हमने मामले में दखल दिया और हमारी सिफारिश पर ध्यान देने के लिए हम केंद्र और झारखंड की सरकारों का आभार जताते हैं. हमने कल सुनवाई की थी और फैसला लिया गया कि इसे पर्यटन केंद्र में नहीं बदला जाएगा और यह धार्मिक स्थल ही रहेगा.” लालपुरा ने कहा कि जैन समुदाय इस फैसले से संतुष्ट है. उन्होंने कहा कि झारखंड के संबंधित अधिकारियों को सरकारी अधिसूचना की समीक्षा करने और उसमें ‘पवित्र/धार्मिक’ शब्द जोड़ने की सलाह दी गई है ताकि क्षेत्र की शुचिता बनायी रखी जा सके.
लालपुरा ने कहा, ‘‘हमने सलाह दी है कि सरकारी आदेश में ‘पर्यटक’ शब्द को बदल दिया जाए. सैद्धांतिक रूप से, फैसला लिया गया है कि यह धार्मिक स्थल रहेगा और ‘पर्यटक’ शब्द को किसी दूसरे उचित शब्द से बदल दिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई की तारीख पक्की हो चुकी है लेकिन उससे पहले अगर झारखंड सरकार का आदेश आ जाता है तो सुनवाई की जरूरत नहीं होगी.
लालपुरा ने कहा कि इससे जैन समुदाय की पुरानी मांग पूरी हो जाएगी. आयोग ने पहले कहा था कि इसे जैन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को झारखंड और केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन केंद्र के तौर पर बदलने के खिलाफ समुदाय से कई प्रतिवेदन मिले हैं.
केंद्र सरकार ने पारसनाथ पर्वत पर पर्यटन से संबंधित सभी गतिविधियों पर पांच जनवरी को रोक लगा दी थी जहां सम्मेद शिखरजी स्थित है और झारखंड सरकार को निर्देश दिया था कि वह स्थल की पवित्रता की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए.
इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर जैन समुदाय के विभिन्न प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी और उन्हें आश्वस्त किया था कि सरकार ‘सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र’ की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन स्थित पारसनाथ पर्वत शिखर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों की तपस्थली है.