Monday, November 25, 2024
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पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को सरकार ने बताया दुष्प्रचार का हिस्सा; शहबाज शरीफ पर कही यह बात

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा रिलीज डॉक्यूमेंट्री  को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमें लगता है कि यह एक प्रोपोगेंडा का हिस्सा है। इसकी कोई वस्तुनिष्ठता नहीं है। उन्होंने इसे पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि ‘ध्यान दें कि इसे भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है।’ 

पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री पर दिया जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा रिलीज की गई डॉक्यूमेंट्री पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमें लगता है कि यह एक प्रचार सामग्री है, जिसे एक विशेष कहानी को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है। इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। 

उन्होंने कहा कि यह फिल्म या डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी और व्यक्तियों का एक प्रतिबिंब है जो इस कहानी को फिर से फैला रहे हैं। यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।  

डॉक्यूमेंट्री सीरीज में यूके के पूर्व सचिव जैक स्ट्रॉ द्वारा की गई टिप्पणियों का जिक्र करते हुए बागची ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह (जैक स्ट्रॉ) यूके की कुछ आंतरिक रिपोर्ट का जिक्र कर रहे हैं। मैं उस तक कैसे पहुंच सकता हूं? यह 20 साल पुरानी रिपोर्ट है।

गौरतलब है कि ब्रिटेन के राष्ट्रीय प्रसारक बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर दो-भाग की श्रृंखला प्रसारित की थी। भारतीय मूल के ब्रिटेन के नागरिकों ने इस सीरीज की निंदा की है। यूके नागरिक लॉर्ड रामी रेंजर ने इसे लेकर कहा है कि ‘बीबीसी ने एक अरब से अधिक भारतीयों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। आलोचना के बाद इसे कुछ चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया गया था।

ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले पर भी दिया जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में स्वामी नारायण मंदिर और एक अन्य हिंदू मंदिर पर हुए हमलों की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में कुछ मंदिरों को तोड़ा गया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसकी ऑस्ट्रेलियाई नेताओं, समुदाय के नेताओं और वहां के धार्मिक संगठनों द्वारा भी सार्वजनिक रूप से निंदा की गई है।  

मेलबर्न में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने मामले को स्थानीय पुलिस के समक्ष उठाया है। हमने अपराधियों के खिलाफ शीघ्र जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों का अनुरोध किया है। इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ भी उठाया गया है और हम इसके लिए तत्पर है।  

शहबाज शरीफ पर कही यह बात
इस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने भारत पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की हालिया टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने कहा है कि हम हमेशा पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसा संबंध चाहते हैं। लेकिन ऐसा अनुकूल माहौल होना चाहिए जिसमें आतंक, दुश्मनी या हिंसा न हो। यह हमारी स्थिति बनी हुई है। 

पाकिस्तान उच्चायोग के अंदर यौन उत्पीड़न के भारतीय महिला के आरोपों को भी विदेश मंत्रालय ने सख्ती से लिया है। अरिंदम बागची ने इस मामले को लेकर कहा कि मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है। हमने पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया है और उनसे जांच करने को कहा है। हमने पाक विदेश मंत्रालय का बयान भी देखा है कि वे इसे देख रहे हैं? 

मिजोरम सीमा पर म्यांमार बम विस्फोटों पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
मिजोरम सीमा पर म्यांमार बम विस्फोटों पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 10-11 जनवरी को म्यांमार की ओर से हवाई अभियान चल रहा था। उस दौरान ये घटना हुई थी। हमने पुष्टि की है कि हमारे हवाई क्षेत्र का कोई उल्लंघन नहीं हुआ, लेकिन 10 जनवरी को भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित तियाउ नदी के तल में एक बम गिरा। हमने इस मामले को म्यांमार पक्ष के साथ उठाया है।

कतर में हिरासत में लिए गए नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों से मिले भारतीय दूतावास के अधिकारी
भारत ने कहा कि कतर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने पिछले दिनों वहां हिरासत में लिए गए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों से तीसरी बार मुलाकात की है तथा इस मुद्दे को नियमित रूप से कतर प्रशासन के समक्ष उठा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम कतर में भारतीयों को हिरासत में लिए जाने के मामले से अवगत है। हमने वहां के प्रशासन के समक्ष इस मामले को लगातार उठाया है। 

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने भी दर्ज कराई आपत्ति
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने भी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर ‘बीबीसी ट्रू’ की दो भाग वाली सीरीज की कड़ी भर्त्सना की है। फ्रंट ने कहा है कि यह पहली नजर में भले ही मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति नजर आता हो, लेकिन वास्तव में यह हिन्दू विरोध की नीति है। फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि बीबीसी जानती है कि अगर उसे विश्व भर में चर्चा में आना है, तो उसे मोदी के ही नाम का सहारा लेना होगा। बाकी जो भी कुछ दुष्प्रचार करने की कोशिश वह कर रही है, वह उस बीबीसी की साम्राज्यवादी सोच का प्रतिबिंब है, जिसके खुद अपने देश से पैर उखड़ते जा रहे हैं। भारत यूके को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को ही जाता है।

उन्होंने कहा कि बीबीसी पर दो भाग वाली सीरीज ‘ इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ वस्तुस्थिति से कोसों दूर है। उन्होंने इसके नाम पर आपत्ति करते हुए कहा कि मोदी  यूके के लिए ‘क्वेश्चन’ होगें, ऐसी अभद्र भाषा बीबीसी के संस्कारों को शोभा देती होगी। लेकिन मोदी भारत और दुनिया के कई देशों के लिए ‘आंसर’  हैं। 

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