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उधव कृष्ण/पटना. बहुत से लोग अपने परिजनों या पूर्वजों की मूर्तियां उनकी याद में बनवाते हैं. मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस से लेकर फाइबर तक की बनाई जा सकती है. पर मार्बल या ग्रेनाइट पर आकृति उकेरने की जब बात आती है तो ये सुनने में भी काफी कठिन लगता है. सच में, सिर्फ एक तस्वीर देखकर मार्बल जैसे पत्थर से हुबहू तस्वीर जैसी एक मूर्ति बना देना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए वर्षो के अनुभव के साथ खूब मेहनत भी लगती है. आज हम एक ऐसे ही कारखाने के बारे में बता रहे हैं, जहां मूर्तिकारों द्वारा मार्बल, ग्रेनाइट और लाल पत्थर की एक से एक मूर्तियां बनाई जाती है. देखने में ये मूर्तियां ऐसी लगती हैं जैसे प्राण फूंक दिया जाए तो अभी बोल पड़ेंगीं.
बुजुर्ग मूर्तिकार हरेंद्र महतो बताते हैं कि मार्बल की एक मूर्ति बनाने में मूर्तिकार और कलाकारों की कड़ी मेहनत लगती है. एक मूर्ति पर अमूमन 2 से 4 कलाकार काम करते हैं. फिर भी एक मूर्ति को पूरी तरह से तैयार होने में 10 से 15 दिनों का समय लग जाता है.
पहले मिट्टी पर बनाते हैं मॉडल
मूर्तिकार राजेश कुमार की माने तो तस्वीर के हिसाब से कंपास से नापकर पहले वे मिट्टी, फाइबर अथवा प्लास्टर ऑफ पेरिस का एक मॉडल तैयार करते हैं. ग्राहक के हामी भरने पर उसी मॉडल के तर्ज पर मार्बल या ग्रेनाइट पत्थर से मूर्ति तैयार की जाती है.
500 रुपये से लाखों तक होती है कीमत
कारखाने के मालिक आकाश गौड़ बताते हैं कि उनके पास 500 से लेकर लाखों रुपये तक की मूर्तियों का निर्माण होता है. बहुत से लोग अपने परिजनों की आदमकद प्रतिमा भी बनवाने पहुंचते हैं. मूर्ति के आकार-प्रकार और उसपर की गई मेहनत से उक्त मूर्ति की कीमत तय होती है. मार्बल की मूर्तियों के बारे में अधिक जानकारी हेतु आप 8083164607 पर संपर्क कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 08, 2023, 11:55 IST
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