Friday, August 8, 2025
HomePakurकेकेएम कॉलेज में दिशोम गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि: शोक और सम्मान के...

केकेएम कॉलेज में दिशोम गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि: शोक और सम्मान के वातावरण में मौन प्रार्थना का आयोजन

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

शांत वातावरण में हुई श्रद्धांजलि सभा

केकेएम कॉलेज, पाकुड़ में 6 अगस्त 2025 को दोपहर 1:30 बजे एक शोकपूर्ण लेकिन गरिमामयी माहौल में झारखंड के महान जननायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गई। कॉलेज परिवार ने एकत्रित होकर मौन प्रार्थना के माध्यम से दिवंगत नेता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। यह आयोजन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. युगल झा के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जिसमें छात्र, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और अन्य स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया।


🙏 झारखंड आंदोलन के जननायक को दी गई अंतिम विदाई

शिबू सोरेन, जिन्हें “गुरुजी” के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन के एक प्रमुख योद्धा और आदिवासी समाज के सशक्त स्वर थे। उनके निधन से झारखंड की राजनीति और सामाजिक चेतना में एक अंतराल उत्पन्न हो गया है जिसे भर पाना कठिन होगा। कॉलेज परिसर में आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि गुरुजी का जीवन और विचार जनमानस में अविस्मरणीय छाप छोड़ गए हैं।


🗣️ डॉ. युगल झा ने व्यक्त किए भावुक विचार

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. युगल झा ने कहा,

शिबू सोरेन का निधन केवल एक नेता का जाना नहीं, बल्कि एक विचार, एक आंदोलन, एक संकल्प का अवसान है। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए जो संघर्ष किया, वह इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। हम सभी उनके संघर्षों और योगदान को नमन करते हैं और ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं।”


कॉलेज परिवार ने दिखाई एकजुटता

इस मौन श्रद्धांजलि सभा में कॉलेज के विभिन्न विभागों के शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों और छात्रों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। प्रधान सहायक नीरज कुमार, शकुंतला कुमारी, आशीष कुमार सहित कई अन्य स्टाफ सदस्य भी इस अवसर पर मौजूद थे। सबने एक साथ खड़े होकर गहन संवेदना व्यक्त की और इस बात पर सहमति जताई कि गुरुजी के विचारों और सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


प्रेरणा बनकर रहेंगे गुरुजी

कार्यक्रम में यह भाव मुखर होकर सामने आया कि शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक जनचेतना थे। उन्होंने आदिवासियों की पहचान, सम्मान और अधिकारों के लिए जो संघर्ष किया, उसकी मिसाल पूरे देश में दी जाती है। झारखंड की धरती, जहाँ उनकी पहचान गहराई तक जुड़ी हुई है, आज उन्हें श्रद्धा, सम्मान और आंसुओं के साथ विदा कर रही है।


शिक्षा संस्थानों में भी उठी संवेदना की लहर

इस तरह के आयोजन यह दर्शाते हैं कि शिक्षा संस्थान केवल शिक्षा और ज्ञान का केंद्र नहीं होते, बल्कि वे संवेदनशीलता, सामाजिक सरोकार और मानवीय मूल्यों को भी आत्मसात करते हैं। केकेएम कॉलेज ने यह सिद्ध कर दिया कि वह न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए समर्पित है, बल्कि समाज और संस्कृति के प्रति भी जागरूक है।


एक महान युग का अवसान

गुरुजी के निधन के साथ एक ऐसा युग समाप्त हुआ जिसने झारखंड को नई पहचान दी। लेकिन उनका संघर्ष, विचार और योगदान सदैव जीवित रहेगा। केकेएम कॉलेज परिवार ने यह प्रण लिया कि वे उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज और शिक्षा दोनों के उत्थान में योगदान देते रहेंगे।


🕯️ “गुरुजी के प्रति यह श्रद्धांजलि एक भावपूर्ण विदाई है, लेकिन उनके विचारों के रूप में वे सदा हमारे बीच जीवित रहेंगे।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments