Monday, May 12, 2025
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बिहार का एक अनोखा गांव, जहां सूरज निकलने से पहले गांव का चक्कर लगाते हैं लोग, जानें वजह

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गुलशन कश्यप/जमुई. बिहार में एक बड़ा ही अनोखा गांव है, जहां के लोगों की सुबह बांकी गांव के लोगों से काफी अलग होती है. अमूमन जहां लोग सुबह उठकर अपने दैनिक जीवन की शुरुआत करते हैं, वहीं यहां के लोग सुबह-सुबह नींद खुलते ही गांव का चक्कर लगाने लगते हैं और यह सिलसिला पिछले एक साल से भी अधिक समय से चलता आ रहा है. यह अनोखा गांव जमुई जिला खैरा प्रखंड में स्थित है. खैरा प्रखंड स्थित घनबेरिया गांव के आधा दर्जन से भी अधिक लोग हर सुबह गांव का भ्रमण करते हैं और इस दौरान वह लाउड स्पीकर लगाकर मंत्रों का जाप और भजन का जाप करते रहते हैं. इसका यह प्रयास अपने आप में काफी अनोखा है.

इस गांव के लोगों के द्वारा पिछले एक साल से हर सुबह चार बजे से ही इसकी शुरुआत की जाती है. सुबह चार बजते ही लोग उठ जाते हैं और एक जगह जमा हो जाते हैं. इसके बाद साइकिल के पीछे एक साउंड सिस्टम लगाकर उस पर भजन और मंत्र का जाप शुरू करते हैं. इस टोली में शामिल लोग पूरे गांव का भ्रमण करते हैं. इसके पीछे इनका उद्देश्य गांव में सुख-शांति और समृद्धि कायम करना है.

ये है मकसद
इतना ही नहीं लोगों का यह भी मानना है कि सुबह जब लोगों की नींद खुलती है तब उनके कानों में सबसे पहले भगवान का नाम जाए, इससे उनका कल्याण होता है. साथ ही गांव का भ्रमण करने से लोग मॉर्निंग वॉक भी कर लेते हैं. इससे लोगों की सेहत भी ठीक रहती है. इस गांव के लोग अलार्म लगाकर नहीं सोते, बल्कि जब उनके कान में इनके मंत्र और भजनों की आवाज जाती है तब लोग उठ जाते हैं.

लोगों ने कहा पशु-पक्षी और मनुष्यों का होता है कल्याण
घनबेरिया गांव के परमानंद सिंह, अरविंद सिंह, विकास कुमार सहित अन्य लोगों ने बताया कि भगवान का नाम लेने से मनुष्य के साथ-साथ पशु और पक्षी का भी कल्याण होता है. उन्होंने बताया कि पहले महज कुछ लोगों ने ही इसकी शुरुआत की. अब धीरे-धीरे इसमें लोग जुड़ते चले गए. अब आधा दर्जन से भी अधिक लोग रोजाना इस क्रिया में हिस्सा लेते हैं. इसमें शामिल सभी लोग अपने दैनिक जीवन में अलग-अलग कार्य करते हैं. इसमें नौकरी पेशा करने वाले लोग भी शामिल हैं.

मजदूर-किसान भी शामिल
वहीं कुछ मेहनत मजदूरी करने वाले और कुछ किसान भी इसमें शामिल हैं. लेकिन सभी लोग अपने दिनचर्या की शुरुआत एक साथ करते हैं. गांव भ्रमण के उपरांत ये सभी लोग गांव के ही एक मंदिर परिसर में पहुंचते हैं. जहां आरती गाने के बाद इसका समापन किया जाता है. रोजाना करीब डेढ़ घंटे तक इनलोगों के द्वारा भ्रमण किया जाता है.

Tags: Bihar News, Local18

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