Sunday, November 24, 2024
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सदर अस्पताल में मारपीट और तोड़फोड़: आरोपी गिरफ्तार

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पाकुड़। सदर अस्पताल में 7 अक्टूबर 2024 को एक गंभीर घटना घटी, जहां एक कैंसर मरीज के परिजनों द्वारा अस्पताल में तोड़फोड़ की गई और ड्यूटी पर मौजूद डॉ. आनंद और डॉ. शाहरुख के साथ मारपीट की गई। इस संबंध में डॉ. आनंद द्वारा स्थानीय थाने में प्राथमिक दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मारपीट में शामिल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक की प्रेस विज्ञप्ति

पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने इस मामले पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि आरोपी विजय साहा (48), जो कि करियोड़ीह, लिट्टीपाड़ा का निवासी है, को भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। ये धाराएं आरोपी पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता को दर्शाती हैं।

कैंसर मरीज की मौत के बाद आवेश में आए पति ने की मारपीट

पुलिस अधीक्षक ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि विजय साहा की पत्नी मंजू देवी, जो पिछले 5 वर्षों से कैंसर से पीड़ित थीं, का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद उनके पति ने आवेश में आकर अस्पताल में तोड़फोड़ की और चिकित्सकों के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा, “चिकित्सकों के साथ मारपीट करना और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना कानूनन दंडनीय अपराध है।”

कानून को हाथ में लेने पर सख्त कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने अपने बयान में कहा कि यदि अस्पताल में इलाज के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है, तो लोगों को संयम से काम लेना चाहिए। आवेश में आकर चिकित्सकों या अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून को हाथ में लेने वाले व्यक्तियों और समूहों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने नजदीकी थाने को सूचित करें और पुलिस की मदद लें, न कि खुद कानून अपने हाथ में लें।

चिकित्सकों में नाराजगी, कार्य बहिष्कार की चेतावनी

घटना के बाद से सदर अस्पताल के चिकित्सकों में नाराजगी व्याप्त है। इस मारपीट की घटना के खिलाफ झासा (झारखंड स्टेट हेल्थ एसोसिएशन) की राज्य इकाई ने स्थानीय झासा और आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के निर्देश पर संयुक्त रूप से पाकुड़ जिला के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी।

घटना का कानूनी पहलू और कार्रवाई की मांग

इस संबंध में पुलिस ने कांड संख्या 255/24 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक ने जनता से अपील की कि वे अस्पतालों में किसी भी प्रकार की अभद्रता या हिंसा से बचें और यदि कोई समस्या हो तो कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की मांग करें। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है और ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अस्पताल में शांति बनाए रखने की अपील

पुलिस अधीक्षक ने अंत में आम जनता से अपील की कि वे सदर अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मचारियों के साथ संयमित व्यवहार करें और किसी भी समस्या के लिए कानूनी सहायता लें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को बिना किसी अवरोध के जारी रखने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।

इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता और चिकित्सकों के बीच भरोसे में दरार डाल दी है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सतर्कता से स्थिति को सुधारने की कोशिशें जारी हैं।

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