Saturday, September 21, 2024
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26वां गणपति महोत्सव: धूमधाम से मनाने की तैयारी, बैठक में बनी कार्ययोजना

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पाकुड़। रेलवे स्टेशन परिसर स्थित महावीर मंदिर के सत्संग भवन में सार्वजनिक गणेश पूजा समिति, रेलवे मैदान, पाकुड़ की बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता राणा शुक्ला ने की, जिसमें गणेश पूजा के संस्थापक हिसाबी राय, संजय कुमार ओझा, अखिलेश कुमार चौबे, और अनिकेत गोस्वामी सहित गणेश पूजा के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य 26वें गणपति महोत्सव को धूमधाम से मनाने की योजना बनाना था। कार्यकर्ताओं में इस बार के महोत्सव को लेकर भारी उत्साह देखा गया।

बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि इस वर्ष गणपति महोत्सव 7 सितंबर से प्रारंभ होकर 10 सितंबर तक चलेगा। महोत्सव को सफल बनाने के लिए एक कार्यसमिति का गठन किया गया। समिति में अनिकेत गोस्वामी को अध्यक्ष, मुन्ना रविदास को कार्यकारी अध्यक्ष, नितिन कुमार मंडल और राका कुमार राय को उपाध्यक्ष, अजित मंडल को सचिव, संजय कुमार राय को संयुक्त सचिव, कुंदन शर्मा और निर्भय सिंह को सह सचिव, तन्मय पोद्दार को कोषाध्यक्ष, और संजय कुमार मंडल को व्यवस्था प्रमुख के रूप में चुना गया। इसके अलावा, पूजा कार्यसमिति के अन्य सदस्य मनीष कुमार सिंह, रतुल दे, भक्ति पूजन प्रसाद, दिनेश लालवानी, बहादुर मंडल, ओम प्रकाश नाथ, विशाल साहा, बूबाई रजक, किशोर मंडल, बिट्टू राय, रणजीत राम, ज्वाला सिंह, और जितेश रजक को बनाया गया। मार्गदर्शक मंडली में तीर्था शंकर शुक्ला, मोनी सिंह, कुंवर राय, अविनाश पंडित, जवाहर सिंह, अजय राय, कैलाश मध्यान, सुशील साहा, लाल्टू भौमिक, और विजय कुमार राय को शामिल किया गया।

अध्यक्ष अनिकेत गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष के गणपति महोत्सव में गणपति बप्पा की चार दिवसीय पूजनोत्सव का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पूजा मंडप, विद्युत सज्जा, और अन्य सजावटें बड़े पैमाने पर और मनमोहक ढंग से तैयार की जा रही हैं। गणपति महोत्सव के पहले दिन, 7 सितंबर को, कलश स्थापना और गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा का आरंभ किया जाएगा। इसके पश्चात संध्या आरती और भजन संध्या का आयोजन होगा।

दूसरे दिन, 8 सितंबर को, सुबह पूजा और संध्या आरती के बाद बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इस दिन नृत्य प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन भी किया जाएगा। तीसरे दिन, 9 सितंबर को, सुबह की पूजा और संध्या आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन और पुरस्कार वितरण किया जाएगा। अंतिम दिन, 10 सितंबर को, पूजा के बाद घट विसर्जन किया जाएगा। इसके पश्चात दोपहर में डांडिया और मटका फोड़ कार्यक्रम का आयोजन होगा। संध्या समय गणपति बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

बैठक में शामिल सभी कार्यकर्ताओं ने महोत्सव को सफल बनाने के लिए पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया। गणेश पूजा समिति ने यह भी निर्णय लिया कि महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, विधि-व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि वे आरामदायक और सुरक्षित तरीके से पूजा-अर्चना कर सकें।

पूजा समिति के सभी सदस्यों ने महोत्सव के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने और उसे सफल बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। समिति ने यह भी कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य न केवल धार्मिक उत्सव को मनाना है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करना भी है।

गणपति महोत्सव के दौरान शहर में उत्सव का माहौल देखने को मिलेगा, जहां भक्तगण गणपति बप्पा की पूजा में लीन रहेंगे। इस अवसर पर शहर के कई हिस्सों में सजावट की जाएगी और गणेश मंडप को विशेष रूप से सजाया जाएगा। महोत्सव का आयोजन समिति की मेहनत और समर्पण का परिणाम होगा, जो इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को विशेष बनाएगा।

इस बार के गणपति महोत्सव के लिए समिति ने कई नए और आकर्षक कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जो न केवल भक्तों को आकर्षित करेंगे, बल्कि उन्हें एक यादगार अनुभव भी प्रदान करेंगे। गणपति महोत्सव 2024 का यह आयोजन पाकुड़ में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्यक्रम बनकर उभरेगा, जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

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