पाकुड़। आलू की जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के उद्देश्य से जिले के उपायुक्त के निर्देश पर पणन सचिव संजय कच्छप ने शहर के विभिन्न थोक और खुदरा आलू प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण तांतीपाड़ा, हरिणडांगा, डेली मार्केट और हाटपाड़ा बाजार में किया गया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जिलेवासियों को आलू उचित मूल्य पर उपलब्ध हो और बाजार में किसी प्रकार की कमी न हो।
थोक और खुदरा भाव की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बाजार में बंगाल से आने वाली आलू की खुदरा कीमत ₹30 से ₹32 प्रति किलोग्राम है। वहीं, थोक दर ₹2600 से ₹2700 प्रति क्विंटल दर्ज की गई। यह दर्शाता है कि बाजार में आलू की उपलब्धता सामान्य है और मूल्य स्थिर हैं। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि जिले में आलू की कोई कमी नहीं है।
जमाखोरी और कालाबाजारी पर सतर्कता
पणन सचिव ने बताया कि जिले में आलू की उपलब्धता को लेकर कोई समस्या नहीं है। इसके बावजूद जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर प्रशासन की ओर से सतत निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की खाद्यान्न कालाबाजारी और जमाखोरी करने वाले दोषियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन इस संबंध में पूरी सतर्कता बरत रहा है और जिले में खाद्यान्न आपूर्ति को नियमित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
आम जनता से अपील
पणन सचिव ने जिलेवासियों से अपील की कि वे उचित मूल्य पर आलू की खरीदारी करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को जमाखोरी या कालाबाजारी की जानकारी मिले, तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें। जनता के सहयोग से ही खाद्यान्न बाजार को नियमित और संतुलित रखा जा सकता है।
प्रशासन की प्रतिबद्धता
यह औचक निरीक्षण प्रशासन की ओर से उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य बाजार में स्थिरता बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी परिस्थिति में आम जनता को किसी खाद्यान्न की कमी का सामना न करना पड़े। प्रशासन की यह पहल जिलेवासियों के हित में है और इससे कालाबाजारी जैसे कृत्यों पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।
जिले में आलू की उपलब्धता और कीमतों पर प्रशासन की सतर्कता यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी आपूर्ति संकट न हो और आम जनता को आवश्यक खाद्य पदार्थ उचित मूल्य पर उपलब्ध हो।