पाकुड़। जिले में अवैध खनन, भंडारण और परिवहन की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए उपायुक्त ने जिला समाहरणालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में उपायुक्त ने अवैध कोयला, पत्थर, बालू उठाव और खनन के रोकथाम को लेकर पूर्व में लिए गए निर्णयों के अनुपालन की बिंदुवार समीक्षा की।
जिला खनन पदाधिकारी से कार्रवाई का ब्यौरा तलब
बैठक के दौरान उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) से अब तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि खनन से जुड़े सभी कार्य कानूनी प्रक्रिया के तहत ही संचालित हों।
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चेकपोस्ट पर सख्ती के निर्देश
उपायुक्त ने चेकपोस्ट पर तैनात कर्मियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रकार की अवैध माइनिंग या परिवहन की घटना सामने आती है, तो तैनात कर्मियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों से कहा कि वे चेकपोस्ट पर सख्त निगरानी रखें और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें।
खनन टास्क फोर्स को औचक निरीक्षण का आदेश
उपायुक्त ने जिला खनन टास्क फोर्स के पदाधिकारियों और सदस्यों को निर्देश दिया कि वे क्षेत्र का नियमित भ्रमण करें और औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि यदि खनन और परिवहन कार्य में कोई व्यक्ति संलिप्त पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। अंचल अधिकारियों और थाना प्रभारियों को सप्ताह में दो बार रैंडम निरीक्षण करने के लिए कहा गया। निरीक्षण के दौरान चेकपोस्ट के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कितने वाहनों का चालान जांचा गया है।
पुलिस अधीक्षक ने समन्वय पर दिया जोर
बैठक में पुलिस अधीक्षक ने अवैध खनन, भंडारण और परिवहन को रोकने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, अंचल अधिकारियों और थानेदारों को निर्देशित किया कि वे आपसी समन्वय स्थापित कर औचक छापेमारी करें। उन्होंने कहा कि समन्वय और सतर्कता से ही अवैध खनन पर अंकुश लगाया जा सकता है।
अवैध खनन रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी
प्रशासन द्वारा जिले में अवैध खनन रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है। औचक निरीक्षण, छापेमारी और चेकपोस्ट पर सख्त निगरानी से अवैध खनन में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा। उपायुक्त ने साफ किया कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जिले में खनन गतिविधियों को पारदर्शी बनाया जाएगा।
समाज और पर्यावरण की सुरक्षा पर जोर
प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि अवैध खनन से न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान होता है, बल्कि यह पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे इस समस्या से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाएं।
प्रशासन की सख्ती से उम्मीद
अवैध खनन पर रोकथाम को लेकर प्रशासन की इस सख्ती से जिले में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। जनता और पर्यावरण हित में उठाए गए ये कदम प्रशासन की गंभीरता और तत्परता को दर्शाते हैं। अधिकारियों और कर्मियों से मिली जिम्मेदारियों का निष्पादन समयबद्ध और प्रभावी तरीके से किए जाने की आशा है।