पाकुड़। हाथीपांव (फाइलेरिया) उन्मूलन को लेकर प्रशासन ने व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में हिरणपुर प्रखंड सभागार में बुधवार को एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों, विभिन्न धर्मों एवं समुदायों के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (एमडीए) को सफलतापूर्वक संचालित करना और दवा सेवन के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत
बैठक की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी ने की। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने सभी धर्म के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक करें और प्रशासन को इस अभियान में सहयोग दें।
प्रखंड विकास पदाधिकारी टुडू दिलीप ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसे समय पर दवा लेकर रोका जा सकता है। उन्होंने इस अभियान के तहत सुनियोजित तरीके से लोगों को दवा सेवन कराने की कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी।
चिकित्सा पदाधिकारी ने फाइलेरिया से बचाव की दी जानकारी
बैठक में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील सिंह ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से फाइलेरिया के प्रसार, रोकथाम और दवा सेवन की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है, जो समय के साथ विकराल रूप ले सकती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के तहत दी जाने वाली दवा का सेवन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
सभी समुदायों से सहयोग की अपील
अंचलाधिकारी मनोज कुमार पंडित ने बैठक में उपस्थित सभी धर्म और समुदायों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने-अपने स्तर से इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया जैसी बीमारी से लड़ने के लिए समाज को एकजुट होना होगा और दवा सेवन के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना होगा।
जनप्रतिनिधियों ने किया एकजुट होकर अभियान को सफल बनाने का आह्वान
बैठक में जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत और अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी ने संयुक्त रूप से कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए सामाजिक सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ने और अधिक से अधिक लोगों को दवा सेवन के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।
बैठक में इनकी रही विशेष उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी, पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि, सभी धर्म, सामाजिक संगठनों के सदस्य और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पूर्ण सहयोग देने और अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ने का संकल्प लिया। अनुमंडल पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि अभियान के दौरान प्रत्येक व्यक्ति तक दवा पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए।
फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जागरूकता और सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।