पाकुड़ । जिला खनन टास्क फोर्स द्वारा यह निर्णय लिया गया की खदान से होने वाले नुकसान को कैसे रोका जाए इस संदर्भ में खनन पट्टाधारियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई हैं।
प्रायः ऐसा पाया जाता है कि पत्थर खनन पट्टा की समाप्ति के बाद खनन से बने गढ्ढों की भराई एवं समतलीकरण नही किया जाता है। जबकि पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण खनन क्षेत्र में बने गढ्ढों की भराई, समतलीकरण करना, समुचित वृक्षारोपण एवं खदानों की घेराबन्दी करना पट्टेधारी की जिम्मेवारी है, ताकि किसी प्रकार का दुर्घटना न हो।
जिन पट्टा परिसमाप्त/बन्द खदानों में मत्स्यपालन/सिंचाई/पेयजल आपूर्ति आदि के उद्देश्य से कोई सरकारी योजना चल रहा है या प्रस्तावित है वैसे खदानों को सुरक्षित करने की जिम्मेवारी संबंधित विभाग या एजेंसी की है। इसके निमित पाकुड़ जिला के सभी पूर्व एवं वर्त्तमान खनन पट्टाधारियों को हिदायत दी जाती है कि वे :-
- परिसमाप्त पट्टा/बन्द खदानों की भराई एवं समतलीकरण करना सुनिश्चित करेंगे।
- यदि खदान भरने से स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कोई आपत्ति / वाधा डाली जाती है या उनके द्वारा खदान में हुए जल जमाव का किसी दैनिक प्रयोग हेतु उपयोग करना चाहते है तो वैसी स्थिति में संबंधित ग्राम के ग्रामीणों का आम सभा आयोजित कराकर त्तसंबंधी पारित प्रस्ताव उपलब्ध करायेंगे।
- बन्द खदान जिसे भरा नही जा सका है, उसकी घेराबन्दी कराकर एक साईन बोर्ड जिसमें बन्द खदान / खतरा / गहरा पानी / आदि अंकित कर संधारित करेंगे।
- अगर उक्त बिन्दुओं पर अनुपालन नहीं किया जाता है तो वैसी स्थिति में संबंधित पूर्व पट्टेधारी कम्पनी/व्यक्ति या उनके वारिसान के नाम से खनिज अनुदान हेतु दाखिल आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा।