पाकुड़। आजसू पाकुड़ जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम के निजी आवासीय कार्यालय (जानकी नगर) में अलग झारखंड राज्य बनाने के लिए अपने प्राणों की बलिदान देने वाले वीर सपूत शहीद निर्मल महतो की पुण्यतिथि पर निर्मल महतो शहादत दिवस मनाया गया।
इस कार्यक्रम में शहीद निर्मल महतो के तस्वीर पर जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम जी माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता सात्विक कुमार ने किया। जिसके पश्चात जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम ने कहा कि शहीद निर्मल महतो अलग झारखण्ड राज्य के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले और अपने बहुमूल्य जीवन का बलिदान देने वाले महान प्रेरणादायक, झारखण्ड के सच्चे और वीर सपूत थे।
वहीं जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम ने कहा कि वो झारखंडियों का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान प्रदान करने के लिए आखिरी दम तक लड़े। वे शहीद हुए, मगर अपने जीवन में ना कभी प्रलोभित हुए और ना ही किसी तरह का कोई समझौता किये। शोषितों, पीड़ितों एवं ग़रीबों के साथी निर्मल महतो का एक ही सपना था, कि अपना अलग झारखण्ड प्रान्त हो, ताकि झारखण्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों को शोषण, उत्पीड़न, अत्याचार और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाई जा सके। ये उनके अथक प्रयास और बलिदान का ही परिणाम था कि 15 नवंबर 2000 को झारखण्ड अलग राज्य बना। साथ ही 11 अगस्त को आजसू सुप्रीमों माननीय सुदेश महतो जी का पाकुड़ की पावन धरती पर आगमन को लेकर भी जानकारी दी और सभी पधाधिकारी और कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने ये भी कहा की पाकुड़ के हरिनडांगा मैदान में आजसू जिला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय श्री सुदेश कुमार महतो जी पधारेंगे। इस कार्यक्रम में जिला प्रवक्ता शेकसादी राहमातुल्ला, पंचायत सचिव सोफीकुल शैख, अजहर शेख, वरिष्ट कार्यकर्ता सोरीफुल, हेमाउल, इमाजुद्दीन, बोगदार हुसैन, मुनिरुल इस्लाम, अब्दुल्ला, मैमूर, इब्राहिम, कलीमुद्दीन, अब्दुल्ला शेख, कादिर, आफताफ, नूर इस्लाम, जमीरूल, अब्दूल वहाब, बोसिर शेख, रिजाउल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।