रांची. आजकल नई टेक्नोलॉजी कई सारी चीजों को काफी आसान कर दी है. पेपर की जगह मोबाइल और टैबलेट ने ले लिया है और साथ ही अब धीरे-धीरे देश डिजिटाइजेशन की तरफ जा रहा है. इसी क्रम में अब झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर भी यात्रियों को अपने साथ बोर्डिंग पास व अन्य कागजात ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अब उनका चेहरा ही उनका बोर्डिंग पास होगा.
देश के महानगर के कई एयरपोर्ट की तर्ज पर अब बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में भी फेस रिकॉग्निशन तकनीक ( एफआरटी) आधारित नई प्रणाली लगेगी. इसमें यात्रियों के पहचान उनके चेहरे से होगी और वे डिजि-यात्रा मोबाइल ऐप के जरिए हवाई अड्डा पर पेपरलेस एंट्री कर सकेंगे.यानी अब यात्रियों को अपने साथ कई तरह के कागजात ले जाने की जरूरत नहीं होगी.
क्या है यह एफआरटी तकनीक
बिरसा मुंडा अथॉरिटी के डायरेक्टर के एल अग्रवाल ने लोकल 18 को बताया एफआरटी तकनीक से सुरक्षा जांच और अन्य चेकप्वाइंट पर यात्रियों का यात्रा संबंधी डाटा खुद पर खुद प्रोसेस हो जाता है. डिजि यात्रा ऐप में यात्रियों की व्यक्तिगत पहचान बताने वाले डाटा को केंद्रीकृत प्रणाली में स्टोर नहीं किया जाता. डिजि ऐप में यात्रियों का डाटा इंक्रिप्टेड होगा.इसके लिए ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.यात्रियों का डाटा हवाई अड्डे से 24 घंटे पहले साझा होगा व यात्रा पूरी होने के 24 घंटे में इसे हवाई अड्डे के सर्वर से परमानेंट रूप से हटा दिया जाएगा. उन्होंने आगे बताया, हमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस मशीन को लगाने की स्वीकृति दे दी है.मार्च 2024 तक ये मशीन लग जाएगी.यह पहले दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु हवाई अड्डे पर लगाई जा चुकी है.
डिजि यात्रा मोबाइल ऐप में आधार व फोटो अपलोड करना होगा
डिजि मोबाइल ऐप में यात्रियों को अपना आधार कार्ड वेरिफिकेशन और फोटो अपलोड करना होगा.ऐप के जरिए ही बोर्डिंग पास व अन्य जानकारी स्कैन होगी और हवाई अड्डे से साझा हो जाएगी. जब यात्री हवाई अड्डे के ई गेट पर जाएंगे तो बोर्डिंग पास का बारकोड स्कैन होगा और यहीं पर एफआरटी लगा होगा.जिसमें यात्री के चेहरे की पहचान व अन्य जानकारी की पुष्टि हो जाएगी और वह आसानी से हवाई अड्डे में प्रवेश कर पाएंगे.
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