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भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी: जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर अन्हारी मठ नाम से प्रसिद्ध एक ऐसा मंदिर है, जिसका इतिहास अद्भुत और अलौकिक है. यही कारण है कि इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग को अद्भुत नाथ महादेव के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. सच्चे मन से बाबा अद्भुत नाथ से जो मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है.
सालों भर यहां श्रद्धालुओं के आने-जाने की सिलसिला लगा रहता है. जबकि हरेक रविवार को बाबा के दरबार में मेला लगाया जाता है. खासकर एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेला के दौरान रविवार और सोमवार श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटती है.
जानिए क्या है मंदिर से जुड़ा इतिहास
मंदिर के पुजारी रोशन मिश्रा ने बताया कि मान्यताओं और जन श्रुतियों के अनुसार करीब 700 वर्ष पूर्व एक बार माघ महीने की दोपहरी में अचानक आकाश में भयानक गर्जना सुनाई पड़ी और चारों ओर अंधेरा छा गया. आसमान में तारे निकल आए. जिससे गांव में रहने वाले लोग भयभीत हो उठे और चारों तरफ हाहाकार मच गया.
परंतु लोग कर भी क्या सकते थे. जब रात का समय आया गांव के सभी लोग अपने-अपने घर सोने चले गए. उसी रात गांव में कुछ लोगों को स्वप्न दिखाई दिया कि गांव के दक्षिण पश्चिम भाग के जंगल स्थित उत्तर वाहिनी की पुरानी धार के निकट शिवलिंग गिरा है. जिसका दूसरा भाग निकट के रेवासी गांव के लक्ष्मीपुर टोले में गिरा है. फिर वहां से लाकर उसे जोड़कर स्थापित किया गया.
ग्रामीणों ने गांव का नाम उजियारा से बदलकर रख लिया अन्हारी
मंदिर के पुजारी ने रोशन मिश्रा बताया कि पहले इस गांव का नाम उजियारा था. लेकिन, इस घटना के बाद गांव के नाम को भी बदलकर अन्हारी रख दिया गया. तब से इस गांव का नाम अन्हारी है और यहां स्थित अद्भुत नाथ महादेव के मंदिर को अन्हारी मठ के नाम से जाना जाने लगा. अन्हारी मठ से लोगों की आपार आस्था जुड़ी हुई है. यहां रोजाना लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. हालांकि 1934 में आई विनाशकारी भूकंप के चलते मंदिर का उपरी हिस्सा टेढ़ा हो गया. जो उसी अवस्था में अब भी है. वहीं कुछ मंदिर 15 से 20 वर्ष पुराना है.
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FIRST PUBLISHED : July 14, 2023, 23:28 IST
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