पाकुड़। भारतीय जनता पार्टी, जिला- पाकुड़ ने “आपातकाल, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला अध्याय और लोकतंत्र की हत्या” विषय पर जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष अमृत पांडेय के अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 लुईस मरांडी की गरिमामय उपस्थिति रही।
जिला अध्यक्ष अमृत पांडेय ने कार्यकत्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून, 1975 को देशवासी एक काले अध्याय के रूप में सदैव स्मरण रखेंगे। क्योंकि इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी सत्ता बचाने एवं बनाये रखने के लिए मनमाने तरीके से देश में अपनी तानाशाही ”आपातकाल“ थोंपने हेतु तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद से इसकी घोषणा कराते हुए आधी रात में इसे पूरे देश में लागू कर दिया था और फिर इसके आड़ में इंदिरा सरकार ने देशहित में उनका विरोध करनेवाले सभी नेताओं, संगठनों, छात्राओं, मिडियाओं और देश के लोगों पर मनमाने प्रतिबंध लगा जेल में डलवाना शुरू कर दिया था। पुलिसों के द्वारा देश के लोगों के साथ बर्बरतापूर्ण एवं अमानवीयपूर्ण व्यवहार से लोगों में इंदिरा सरकार के विरूद्ध कुछ भी बोलने के प्रति अत्यन्त भय का माहौल उत्पन्न हो गया। सारे विपक्षी नेतागण यथा- जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस आदि एवं विरोध करनेवाले अन्य विभिन्न लोग एक के बाद एक झूठे आरोपों में लगातार गिरफ्तार करवाकर जेल में डलवाये जा रहे थे। चौथा स्तंभ मिडिया पर भी विरोध में कुछ भी लिखने-बोलने पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया गया था। जबरदस्ती लोगों के नसबंदी कराई गई एवं लोगों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं मौलिक अधिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस तानाशाही रवैये से उत्पन्न भयावह स्थितियों एवं झेले गये कल्पना से भी परे पीड़ाओं की अनुभूति के कारण आपातकाल के दिन एवं दौर को देश ने भारतीय इतिहास का सबसे काला दिवस एवं सबसे काली अवधि की संज्ञा दिया, ताकि देश एवं भावी पीढ़ी उसे जाने एवं सदैव याद रखें, ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो एवं देश की जिम्मेदारी सही हाथों में जाये।
प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 लुईस मरांडी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता के मोह स्वयं से आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर और जबरदस्ती देश में थोपकर लोगों, युवाओं, मिडियाओं और देशभक्त नेताओं के आवाजों को बुरी तरह कुचल दिया था। लोगों के अभिव्यक्ति के अधिकार और मौलिक अधिकार छिन लिये थे। देश ने वर्ष- 1977 में इंदिरा सरकार को सत्ता से बाहर कर और एक गैर कांग्रेसी पार्टी जनता पार्टी को भारी बहुमतों से सत्ता में लाकर तानाशाही कांग्रेस पार्टी को करारा जवाब दिया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो हाल उस वक्त रहे वह हाल आज भी बदले नही बल्कि निरंतर सत्तालोलुपता में यह और भी बढ़े है और वे सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं जिसके अनेकों उदाहरण हम आज भी देख सकते है। बंगाल, केरल आदि की हालत किसी से छिपी नही है कि ऐसे सभी जगहों में गैर कांग्रसियों को किसी भी प्रकार के विरोध की स्थिति में सदैव जानमाल की क्षति पहूँचाने का डर-भय बना रहता है। ऐसे आयोजन के माध्यम से देशवासियों और हमारी नई पीढ़ीयों को इसकी जानकारी देते रहना यह हमारा परम कर्तव्य है, ताकि देश वर्तमान कांग्रेस और उसके इंडी गठबंघन के खोंखले प्रारूप को समझ सके। उसके संविधान-लोकतंत्र पर भ्रामक प्रचार-प्रसार, देश को तोड़ने, नीचा दिखाने और नीचा गिराने के गंदे खेल को समझ सके और सही हाथों में अपनी और पूरी देश की जिम्मेदारी सौंप खुद के जीवन-भविष्य को सुरक्षित कर सके।
संगोष्ठी के अन्त में लुईस मरांडी ने आपातकाल का दंश झेलने वाले जनसंघ काल के नेता एवं पाकुड़ विधानसभा के पूर्व विधायक वेणी प्रसाद गुप्ता को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया।
संगोष्ठी उपरान्त अतिथि लुईस मरांडी के नेतृत्व में सभी सम्मानित पदाधिकारीगण एवं कार्यकत्तागण द्वारा “25 जून, आपाताकाल, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला अध्याय और लोकतंत्र की हत्या” को काला दिवस के रूप में मनाते हुए एवं जनजागरण के उद्देश्य से काला पट्टा लगाकर जिला कार्यालय से अम्बेदकर चौक तक पैदल मौन जुलूस निकाली गई।
मौके पर प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनुग्रहित प्रसाद साह, पूर्व जिला अध्यक्ष विवेकानन्द तिवारी, भाजपा नेत्री मीरा प्रवीण सिंह, जिला महामंत्री शिला हेम्ब्रम, जिला मंत्री पार्वती देवी, जिला परिषद सदस्या पिंकी मंडल, निवर्तमान नगर अध्यक्ष सम्पा साहा, दानियल किस्कु आदि अनेकों सम्मानित कार्यकर्त्तागण मौजूद रहे।