Monday, July 14, 2025
Homeआस्था का प्रतीक है प्राचीन बुढ़वा महादेव मंदिर,जानिए इतिहास

आस्था का प्रतीक है प्राचीन बुढ़वा महादेव मंदिर,जानिए इतिहास

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

[ad_1]

अनंत कुमार/गुमला. 4 जुलाई से पावन महीना सावन की शुरुआत हो गया है. इस साल सावन 59 दिनों का होगा और सावन में 8 सोमवार . मान्यता है कि सावन के महीने में पूरे विधि-विधान से महादेव की पूजा-पाठ करने से भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी करते है. गुमला जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 16 करमटोली में बुढ़वा महादेव मंदिर स्थित है. जहां रोजाना भारी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं.

इस मंदिर का इतिहास 100 वर्षों से भी अधिक पुराना है. यह जितना पुराना यह मंदिर है है इसका इतिहास भी इतना ही अनोखा और विचित्र है. जनश्रुति के अनुसार पीपल के पेड़ की खोह में एक छोटा सा शिवलिंग निकला था.पेड़ की खोह में शिवलिंग को देख स्थानीय लोगों में श्रद्धा जगी और श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर पेड़ से सटाकर खपड़ा की मदद से मंदिर का छोटा-सा स्वरूप दे दिया.

मंदिर को दिया गया भव्य रूप
धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ती गई. मंदिर निर्माण समिति का गठन किया गया है और उस खपड़ा से बने मंदिर को भव्य रूप दे दिया गया. मंदिर समिति के लोगों ने बताया कि भक्त सच्चे मन से जो भी मुरादें मांगते है, बुढ़वा महादेव अवश्य पूर्ण करते हैं. इसलिए यहां गुमला के अलावा झारखंड के दूसरे जिले एवं बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ सहित अन्य जगहों से लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं.

जनश्रुति के अनुसार बैगा के सपने में आये थे भगवान
बुढ़वा महादेव मंदिर आज शिवभक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है. नववर्ष, महाशिवरात्रि, सावन इत्यादि जैसे अवसरों एवं सामान्य दिनों में भी यहां महादेव के दर्शन को शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. जनश्रुति के अनुसार करमटोली के एक बैगा को सपना आया था कि पीपल के पेड़ की खोह में एक शिवलिंग है. वहां पूजा अर्चना करो. प्रातःकाल बैगा वहां पहुंचा, तो वहां एक शिवलिंग पाया.तब से लेकर अब तक यहां पूजा अर्चना होती है.

सावन और महाशिवरात्रि में लगती है भीड़
मंदिर के पुजारी राजेश दास गोस्वामी ने बताया कि यह मंदिर 100 वर्षों से भी अधिक पुराना है, यहां जो भी भक्त श्रद्धा से भगवान भोलेनाथ से जो भी मनोकामना या गच्छित करते हैं ,वह पूर्ण होती है. इसलिए यहां बहुत दूर-दूर से लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन को आते हैं.विशेषकर सावन और महाशिवरात्रि में यहां बहुत भीड़ होती है व भक्तों की लंबी कतार लगती है. ऐसे सामान्य दिनों में भी यहां श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है.मंदिर में शादी/विवाह एवं अन्य समारोह भी होते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Religion 18

[ad_2]

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments