Wednesday, October 30, 2024
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साइबर अपराध: उपायुक्त की फेक आईडी बना कर ठगी का प्रयास

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पाकुड़। साइबर अपराधी अब डिजिटल माध्यम का दुरुपयोग कर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। पाकुड़ जिले के उपायुक्त मनीष कुमार के नाम पर एक फेक व्हाट्सएप आईडी बनाई गई है। इस आईडी से अधिकारियों से राशि और उपहारों की मांग की जा रही है, जिससे जिले में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।

फेक आईडी का नंबर और अपराधियों का तरीका

फेक व्हाट्सएप आईडी का नंबर +9779847416160 है। इसी नंबर का इस्तेमाल कर अपराधी जिले के अधिकारियों और अन्य लोगों से संपर्क कर रहे हैं। उपायुक्त कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि इस फेक नंबर से उपायुक्त के नाम का इस्तेमाल करके संदेश भेजे जा रहे हैं। संदेश में उपहार और राशि की मांग की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधियों का उद्देश्य लोगों को धोखे में डालना है। साइबर अपराधियों ने जिले के अन्य गणमान्य लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया है। इस प्रकार के फेक प्रोफाइल का इस्तेमाल करके अपराधी आम जनता और अधिकारियों को भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे मामलों से जिले में साइबर सुरक्षा को लेकर गहन चिंता उत्पन्न हो गई है।

उपायुक्त की अपील

इस मामले को लेकर उपायुक्त ने अधिकारियों, शुभचिंतकों, और आम जनता से अपील की है कि यदि इस फेक नंबर या किसी अन्य अनधिकृत सोशल मीडिया प्रोफाइल के माध्यम से संपर्क किया जाता है, तो किसी भी प्रकार की वार्तालाप न करें। उपायुक्त ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की फेक प्रोफाइल्स से धोखा देकर वित्तीय हानि पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने लोगों को सचेत रहने और ऐसी किसी भी वार्तालाप से बचने की सलाह दी है।

प्रशासनिक कदम

इस फेक व्हाट्सएप आईडी के बारे में पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक को सूचना दे दी गई है, और पुलिस द्वारा इस मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस प्रशासन फेक आईडी के स्रोत का पता लगाने और अपराधियों को पकड़ने के लिए विभिन्न तकनीकी तरीकों का सहारा ले रहा है। इस प्रकार के मामलों में प्रशासनिक तंत्र द्वारा सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि जिले के नागरिकों की सुरक्षा और गोपनीयता बनी रहे।

जिले में साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता

इस प्रकार की घटनाओं ने आम नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक बना दिया है। ऐसे मामलों में सावधानी बरतने के लिए आमजन को सतर्क रहना जरूरी है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखना और अज्ञात स्रोतों से संपर्क से बचना कितना महत्वपूर्ण है।

फेक व्हाट्सएप आईडी जैसे मामलों से निपटने के लिए जिले के लोगों को प्रशासन की अपील को गंभीरता से लेना होगा। साइबर अपराधियों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक होने और प्रशासन को सहयोग करने की आवश्यकता है।

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