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पंचक के दौरान कोई शुभ कार्य, नई चीजों की खरीदारी, निवेश आदि करने की मनाही होती है। अगर ऐसा किया जाता है तो इसका अशुभ परिणाम होता है। पांच दिनों तक चलने वाले पंचक कई प्रकार के होते हैं जो अग्नि, चोर, मृत्यु, राज और रोग कहलाते है। हर पंचक का खास महत्व होता है।
अगस्त महीने में पंचक बुधवार दो अगस्त से लगने जा रहा है। सावन के अधिक मास होने के कारण अगस्त में जिस दिन से पंचक लग रहे हैं तब कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। प्रतिपदा तिथि से लेकर पंचमी तिथि तक पंचक रहेंगे। यानी दो से छह अगस्त तक पंचक रहने वाले है। पंचक के दौरान किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किया जाता है। ऐसे में पंचक के बारे में जानना बेहद जरुरी होता है।
इस बार अगस्त के महीने में आ रही पंचक के पांच दिनों में दो तिथियों यानी द्वितीया और तृतीया पर भद्र का साया है। पंचक को आमतौर पर अशुभ माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों को करने की अनुमति नहीं दी जाती है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। बता दें कि ये भी कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में होती है तो उस घर में पांच मौतें हो सकती है। ये भी कहा जाता है कि बुधवार और बृहस्पतिवार के पंचक को अशुभ नहीं माना जाता है। यानी बुधवार और बृहस्पतिवार के पंचक के दौरान शुभ कार्य करने वर्जित नहीं होते है।
बता दें कि पंचक के दौरान कोई शुभ कार्य, नई चीजों की खरीदारी, निवेश आदि करने की मनाही होती है। अगर ऐसा किया जाता है तो इसका अशुभ परिणाम होता है। पांच दिनों तक चलने वाले पंचक कई प्रकार के होते हैं जो अग्नि, चोर, मृत्यु, राज और रोग कहलाते है। हर पंचक का खास महत्व होता है।
बता दें कि इस बार के पंचक सावन के महीने में पड़ रहे है। इस बार पंचक में एक व्रत भी रखा जाएगा। इसमें पहला व्रत चार अगस्त 2023 को अधिकमास की विभुवन संकष्टी चतुर्थी पर होगा। मगर इस पंचक का असर भगवान गणपति की पूजा में नहीं होगा।
पंचक में ऐसा करने से बचें
– पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर दक्षिण की तरफ जाएं तो सुरक्षा के लिए हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगा कर और पूजा कर निकलें।
– पंचक काल के दौरान अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो इसके प्रभाव से भी बचना चाहिए। कहा जाता है कि पंचक काल में किसी की मृत्यु के बाद घर के पांच सदस्यों की भी मौत हो जाती है। ऐसे में जरुरी है कि इस प्रभाव को खत्म करने के लिए शव के पास पांच कुश के पुतले बनाकर शव के साथ विधि विधान से ही अंतिम संस्कार किया जाए जिससे पंचक दोष समाप्त हो सके।
– घर की छत का निर्माण करा रहे है और पंचक काल है तो ऐसा करने से पहले काम करने वाले मजदूरों को मीठा खिलाएं। इससे पंचक काल का दोष खत्म हो जाता है।
– इस दौरान घर पर चारपाई का निर्माण नहीं करना चाहिए।
– सूखी लकड़ी, घास, ज्वलनशील वस्तुओं को एकत्र नहीं करना चाहिए।
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