Friday, January 24, 2025
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बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान, नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन

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झालसा रांची के निर्देश पर कार्यक्रम का आयोजन

पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) के तत्वाधान में उत्क्रमित उच्च विद्यालय रामचंद्रपुर में जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। यह आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, शेष नाथ सिंह के निर्देश और डीएलएसए सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम नब्बे दिवसीय आउटरीच अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य समाज में विधिक जागरूकता बढ़ाना है।

बाल विवाह: एक दंडनीय अपराध
कार्यक्रम में पैरा लीगल वॉलंटियर (पीएलवी) अमूल्य रत्न रविदास ने बाल विवाह के खतरों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है और इसे कानून द्वारा दंडनीय अपराध माना गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बाल विवाह से लड़कियों का बचपन और उनका भविष्य दोनों छिन जाता है। बाल विवाह के कारण घरेलू हिंसा, गर्भधारण से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं और शिक्षा तथा रोजगार के अवसरों से वंचित रहना जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

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मुफ्त कानूनी सहायता और अन्य सेवाओं पर जानकारी
कार्यक्रम में शामिल अन्य पैरा लीगल वॉलंटियर्स, चंद्र शेखर घोष और एजारुल शेख ने डीएलएसए द्वारा दी जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में छात्रों और ग्रामीणों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जो लोग न्याय पाने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। साथ ही, उन्होंने समाज में व्याप्त अन्य बुराइयों के बारे में भी जागरूक किया और इनसे निपटने के उपाय बताए।

जागरूकता पुस्तिका और पर्चियों का वितरण
कार्यक्रम के दौरान, उपस्थित लोगों को जागरूकता से संबंधित पुस्तिकाएं और पर्चियां वितरित की गईं। इन पुस्तिकाओं में बाल विवाह, घरेलू हिंसा, शिक्षा के अधिकार और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की जानकारी दी गई। प्रतिभागियों को यह समझाने की कोशिश की गई कि समाज में बदलाव तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे और बुराइयों के खिलाफ खड़ा हो।

जागरूकता अभियान का उद्देश्य
इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज को बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूक करना था। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बाल विवाह केवल एक लड़की के जीवन को प्रभावित नहीं करता, बल्कि पूरे समाज को कमजोर बनाता है।

समाज में सकारात्मक बदलाव की पहल
डीएलएसए पाकुड़ द्वारा चलाए जा रहे इस नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक कानूनी जानकारी और जागरूकता पहुंचाना है। यह कार्यक्रम न केवल विधिक जानकारी प्रदान कर रहा है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आगे की योजना
इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों को भविष्य में भी विभिन्न स्कूलों और ग्रामीण इलाकों में आयोजित करने की योजना बनाई गई है, ताकि बाल विवाह और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया जा सके।

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