Wednesday, February 5, 2025
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा स्कूली बच्चों के लिए जागरूकता अभियान

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बाल विवाह और शिक्षा के अधिकार पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम

झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा, रांची) के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ के तत्वावधान में उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बाहिरग्राम में नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम के तहत जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देश पर किया गया, जिसमें सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में विधिक जागरूकता से संबंधित विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों को जानकारी दी गई।

बाल विवाह एक अभिशाप: बच्चों को किया गया जागरूक

कार्यक्रम के दौरान पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर) अमूल्य रत्न रविदास ने बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है, जो बच्चों के मानसिक, शारीरिक और शैक्षणिक विकास को बाधित करता है

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उन्होंने कहा कि नाबालिग अवस्था में विवाह से बच्चों के भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। सरकार ने इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 लागू किया है, जिसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह गैरकानूनी है।

शिक्षा का अधिकार: मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पर जोर

कार्यक्रम में विद्यार्थियों को शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 की विस्तृत जानकारी दी गई। अमूल्य रत्न रविदास ने बताया कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है

उन्होंने कहा कि शिक्षा एक मौलिक अधिकार है और इसके माध्यम से ही समाज में जागरूकता और समृद्धि लाई जा सकती है। विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि अगर किसी स्कूल में उन्हें प्रवेश से वंचित किया जाता है या फीस के नाम पर परेशान किया जाता है, तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सहायता प्राप्त कर सकते हैं

निःशुल्क विधिक सहायता: गरीब, महिला और दिव्यांगों के लिए बड़ा सहारा

कार्यक्रम में पीएलवी एजारूल शेख ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों और गरीब योग्य व्यक्तियों को न्याय दिलाने के लिए प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किए जाते हैं

उन्होंने विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए बताया कि यदि उनके परिवार में कोई व्यक्ति कानूनी सहायता प्राप्त करने में असमर्थ है, तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है। यह प्राधिकरण जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता और न्याय दिलाने में मदद करता है

नालसा की योजनाओं की जानकारी एवं जागरूकता सामग्री का वितरण

कार्यक्रम के दौरान पीएलवी विजय कुमार राजवंशी ने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नालसा का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है

उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी समझाया कि कानूनी जानकारी का ज्ञान हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकें। इस अवसर पर जागरूकता पर्चियां भी वितरित की गईं, जिससे विद्यार्थी और उनके परिवार कानूनी अधिकारों से परिचित हो सकें।

बच्चों में दिखा जागरूकता अभियान का सकारात्मक असर

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया और विभिन्न कानूनी विषयों पर अपनी जिज्ञासाएं व्यक्त कीं। इस जागरूकता अभियान के माध्यम से बच्चों को बाल विवाह, शिक्षा का अधिकार, मुफ्त कानूनी सहायता और नालसा की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई।

कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को संदेश दिया गया कि वे इन कानूनी जानकारियों को अपने परिवार और समुदाय तक पहुंचाएं, ताकि समाज में अधिक से अधिक लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें

कानूनी जागरूकता से मिलेगा न्याय और अधिकार

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित यह जागरूकता अभियान न केवल बच्चों को बल्कि उनके परिवारों और समाज को कानूनी अधिकारों की जानकारी देने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इस तरह के कार्यक्रमों से समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा मिलता है, जिससे कमजोर और वंचित वर्गों को उनके अधिकार दिलाने में मदद मिलती है

इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि कानूनी जागरूकता ही सामाजिक बदलाव की कुंजी है और सभी को अपने अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे न्याय प्राप्त कर सकें और एक बेहतर समाज की स्थापना कर सकें।

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