फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ
पाकुड़। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के उद्देश्य से बुधवार को समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को रवाना किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त मनीष कुमार, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, परियोजना निदेशक आईटीडीए अरुण कुमार एक्का, अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, कार्यपालक दंडाधिकारी विकास कुमार त्रिवेदी और उपाधीक्षक, सदर अस्पताल डॉक्टर मनीष कुमार ने संयुक्त रूप से रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
फाइलेरिया रोधी दवा अभियान की रूपरेखा
उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 10 फरवरी से 25 फरवरी तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले के हर नागरिक को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। जागरूकता रथ के माध्यम से जिले के विभिन्न गांवों और कस्बों में लोगों को फाइलेरिया रोग और उससे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी।
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जागरूकता रथ की भूमिका
जागरूकता रथ के जरिए लोगों को यह बताया जाएगा कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। यह रोग मुख्य रूप से शरीर के अंगों में सूजन और विकलांगता का कारण बनता है। जागरूकता रथ के संदेशों में फाइलेरिया से बचने के लिए स्वच्छता, मच्छरों से बचाव, और नियमित रूप से दवा सेवन का महत्व समझाया जाएगा। इस रथ के जरिए दवा सेवन के सुरक्षित तरीकों की भी जानकारी दी जाएगी।
कौन नहीं खा सकते दवा?
फाइलेरिया रोधी दवा सभी लोगों के लिए अनिवार्य है, लेकिन कुछ विशेष समूहों को इसे खाने से बचने की सलाह दी गई है। उपायुक्त ने बताया कि 1 वर्ष से कम आयु के शिशु, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, और गर्भवती महिलाएं इस दवा का सेवन नहीं करेंगी। ऐसे व्यक्तियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
समुदाय की भागीदारी पर जोर
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए समुदाय की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी लोगों का दवा सेवन करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया जैसी बीमारियों को पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार और आम जनता का सामूहिक प्रयास आवश्यक है।
फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में बड़ा कदम
यह जागरूकता अभियान और फाइलेरिया रोधी दवा वितरण कार्यक्रम जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का उद्देश्य है कि हर नागरिक इस अभियान का हिस्सा बने और रोग से बचाव के प्रति सतर्क रहे। जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों तक इस संदेश को पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है।
इस अभियान के जरिए जिले में फाइलेरिया रोग पर नियंत्रण पाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। जनता को इससे जुड़े हर संदेश पर अमल करने और फाइलेरिया मुक्त समाज बनाने में योगदान देने की अपील की गई है।