पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश पर और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में पाकुड़ सदर अस्पताल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना था।
सचिव अजय कुमार गुड़िया का संबोधन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव अजय कुमार गुड़िया ने कहा कि हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के लक्षण, प्रभाव और उनसे बचाव के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग, वीडियो गेम की लत, और इंटरनेट का दुरुपयोग मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे डिप्रेशन, चिंता और आत्म-हानि जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। साथ ही, शराब, भांग, तंबाकू का सेवन और नींद की कमी भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
मानसिक स्वास्थ्य का महत्व और बचाव के उपाय
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के समाधान और उनसे बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया गया। सचिव अजय कुमार गुड़िया ने कहा कि एक व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य न केवल उसकी व्यक्तिगत खुशी और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि एक स्वस्थ समाज और राष्ट्र को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण और सही देखभाल हमें स्वस्थ जीवनशैली और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद करता है।
कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य की थीम
डिस्ट्रिक्ट डाटा मैनेजर प्रताप कुमार और जिला प्रोग्राम असिस्टेंट समीर खा ने इस वर्ष 2024 के विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम पर विशेष रूप से जोर दिया। इस वर्ष की थीम है “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य“। उन्होंने कहा कि एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम कर सकता है। कार्यस्थल पर तनाव, दबाव, और अन्य मानसिक चुनौतियों का सामना करना एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, इसलिए संगठनों को अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
जागरूकता पर्चे का वितरण
कार्यक्रम के दौरान जिला स्वास्थ्य समिति पाकुड़ के सहयोग से जागरूकता पर्चे भी वितरित किए गए। इन पर्चों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी धारणाओं, टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवा के टोल फ्री नंबर 14416 या 1800-89-14416 की जानकारी दी गई। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधी किसी भी जानकारी या शिकायत के लिए राज्य हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल करने की सलाह दी गई। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को मानसिक बीमारियों के बचाव और उपचार के उपायों की जानकारी दी गई।
सदर अस्पताल कर्मियों और PLV की उपस्थिति
कार्यक्रम के दौरान सदर अस्पताल के कई कर्मचारी और जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के पीएलवी कमला राय गांगुली, उत्पल मंडल, और नीरज कुमार राउत भी उपस्थित रहे। इन सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कई सवाल पूछे और इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
समाज के लिए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मानसिक बीमारियों का सही समय पर इलाज और देखभाल व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। कार्यक्रम में बताया गया कि एक स्वस्थ मानसिकता न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि सामूहिक रूप से समाज और राष्ट्र को भी सकारात्मक दिशा में ले जाती है।
इस कार्यक्रम ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया और उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए प्रेरित किया। आयोजकों ने सभी से अपील की कि वे मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।