पाकुड़। झारखंड के श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की ओर से जिले में श्रमिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की गई। समाहरणालय परिसर से चार जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसका नेतृत्व राज्य के श्रम नियोजन मंत्री, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से किया।
जागरूकता अभियान का उद्देश्य
श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने और श्रमिकों को पंजीकरण के लिए प्रेरित करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। जागरूकता रथों के जरिए श्रमिकों को उनके अधिकार, योजनाओं के लाभ और सुरक्षित प्रवास की जानकारी दी जाएगी।
इस अवसर पर श्रम नियोजन मंत्री ने कहा, “प्रवासी श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा, जब वे अपना पंजीकरण कराएंगे। इसलिए सभी श्रमिकों से अनुरोध है कि वे प्रज्ञा केंद्रों या श्रमाधान पोर्टल के माध्यम से अपना निबंधन अवश्य कराएं।”
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श्रमिकों को पंजीकरण का संदेश
उपायुक्त मनीष कुमार ने जिले के श्रमिकों से अपील की कि वे निःशुल्क पंजीकरण के लिए निकटतम प्रज्ञा केंद्र पर जाएं। उन्होंने बताया कि निबंधन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, नॉमिनी का आधार कार्ड और मोबाइल फोन साथ लाना आवश्यक है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है और इसका उद्देश्य श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है।
उपायुक्त ने कहा, “सुरक्षित प्रवास सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण बेहद आवश्यक है। प्रवासी श्रमिक अपने राज्य से बाहर काम करने से पहले अपना निबंधन जरूर कराएं, ताकि उन्हें किसी भी आपात स्थिति में सरकार की मदद प्राप्त हो सके।”
योजनाओं का लाभ उठाने की अपील
श्रम नियोजन मंत्री संजय प्रसाद यादव ने श्रमिकों को योजनाओं के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिक, असंगठित श्रमिक और निर्माण श्रमिक श्रमाधान पोर्टल पर जाकर स्वयं अपना पंजीकरण कर सकते हैं। इससे उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा, जैसे कि बीमा, चिकित्सा सहायता, बच्चों की शिक्षा और आपातकालीन सहायता।
उन्होंने कहा कि जागरूकता रथों के जरिए गांव-गांव जाकर श्रमिकों को इन योजनाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा।
प्रशासन और विभाग की संयुक्त पहल
इस कार्यक्रम में विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभूवन कुमार सिंह और श्रम अधीक्षक रमेश प्रसाद सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि जागरूकता अभियान का उद्देश्य न केवल श्रमिकों को योजनाओं के लाभों से परिचित कराना है, बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक करना है।
यह अभियान श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ रवाना होने के साथ ही जिले भर में श्रमिक जागरूकता अभियान शुरू हो गया है।
श्रमिकों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
झारखंड सरकार श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जागरूकता रथों के जरिए श्रमिक समुदाय के हर व्यक्ति तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जाएगी कि सरकार उनके लिए योजनाओं का संचालन कर रही है। पंजीकरण कराना पहला कदम है, जिससे श्रमिक अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।
सरकार और प्रशासन की इस संयुक्त पहल को स्थानीय लोगों और श्रमिकों का भी सकारात्मक समर्थन मिल रहा है। यह अभियान आने वाले दिनों में श्रमिक समुदाय की स्थिति में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाएगा।