महेशपुर, लिट्टीपाड़ा और अन्य क्षेत्रों में लगे स्वास्थ्य जांच शिविर
पाकुड़ जिले के विभिन्न प्रखंडों में आयुष विभाग की ओर से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। गुरुवार को आयोजित इन शिविरों में कुल 491 लोगों का स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक दवाएं प्रदान की गईं। महेशपुर के कागजपुर, लिट्टीपाड़ा के निपनिया, हिरणपुर के दराजमाठ, अमड़ापाड़ा के पकलो और मुस्लिम टोला, पाकुड़ के उदयनारायणपुर, तथा पाकुड़िया के पाकुड़िया में ये शिविर आयोजित किए गए।
निशुल्क जांच और दवाओं का वितरण
इन शिविरों में डॉ राजेश कुमार, डॉ लवकुश यादव, डॉ अशोक मेहता, डॉ मिथलेश सिंह, डॉ अमलेश कुमार, सौरभ विश्वास और बिरेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने बताया कि कैंप में रक्तचाप, मधुमेह, जॉइंट पेन, गठिया, बच्चों से संबंधित रोगों की निशुल्क जांच की गई। जांच के बाद मरीजों को तुरंत आवश्यक दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध कराई गईं। साथ ही, ब्लड प्रेशर और शुगर जांच की भी विशेष व्यवस्था की गई।
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योगाभ्यास से रोगमुक्त जीवन की सलाह
शिविर में मौजूद योग प्रशिक्षकों ने 136 लोगों को योगाभ्यास कराया और योग के लाभों पर चर्चा की। प्रशिक्षकों ने बताया कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में सुधार करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति रोजाना 30 मिनट योग और संतुलित आहार का पालन करे, तो वह अनेक बीमारियों से बच सकता है। योग को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह देते हुए उन्होंने इसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया।
आगामी शिविरों की घोषणा
आयुष विभाग ने जानकारी दी कि 24 जनवरी 2025 को महेशपुर के पत्थरघाटा, पाकुड़िया के बड़तल्ला और पिनारगढ़िया, लिट्टीपाड़ा के लिट्टीपाड़ा और कुमारभाजा, अमड़ापाड़ा के अमड़ापाड़ा आंगनबाड़ी बाजार, पाकुड़ के निशानपाड़ा और हिरणपुर के बूटीपहाड़ी में आयुष जांच शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में भी लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और निशुल्क जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने विभाग की सराहना की
इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों ने आयुष विभाग की सराहना की। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह के शिविर उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहे हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से चिकित्सा सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते।
स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की पहल
पाकुड़ जिले में आयुष विभाग का यह प्रयास ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का एक प्रभावी कदम है। यह पहल लोगों को न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान देती है, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में भी प्रेरित करती है।