🌟 अरहम फार्महाउस में आयोजित हुई भव्य श्रद्धांजलि सभा
पाकुड़। झारखंड आंदोलन के महानायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक और सम्मान प्रकट करते हुए आज अरहम फार्महाउस (पूर्व NDA कार्यालय), मालपहरी रोड, पाकुड़ में एक भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में एनडीए प्रत्याशी एवं समाजसेवी अजहर इस्लाम ने उपस्थित होकर दिवंगत नेता के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और संवेदना प्रकट की। सभा स्थल पर सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और गुरुजी के संघर्षशील जीवन को नमन किया।
अजहर इस्लाम ने श्रद्धांजलि देते हुए कही दिल छू लेने वाली बात
अजहर इस्लाम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा –
“दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन एक आंदोलन, एक संघर्ष और एक संकल्प की मिसाल है। उन्होंने न केवल आदिवासी समाज को जागरूक किया, बल्कि झारखंड राज्य निर्माण के लिए भी अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। उनके विचार और सिद्धांत आज भी हर जागरूक नागरिक को प्रेरित करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा –
“मैं दिल से धन्यवाद देता हूं पाकुड़ विधानसभा के सभी सम्मानित नागरिकों को, जिन्होंने समय निकालकर इस श्रद्धांजलि सभा में अपनी सहभागिता दी और दिशोम गुरु के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कीं। यह हमारी साझा चेतना और सामाजिक एकता का प्रतीक है।”
🙏 सैकड़ों लोगों ने व्यक्त की भावनाएं
इस श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों से लोग उपस्थित हुए। सभी ने गुरुजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर, दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभा में उपस्थित लोगों ने कहा कि शिबू सोरेन ने आदिवासी अस्मिता, भूमि अधिकार, सामाजिक न्याय और झारखंडी पहचान की लड़ाई को नई दिशा दी और झारखंड को उसकी राजनैतिक पहचान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई।
गुरुजी के योगदान को किया गया याद
कार्यक्रम के दौरान अजहर इस्लाम सहित अन्य वक्ताओं ने शिबू सोरेन के संघर्षशील जीवन, महाजनी प्रथा और शोषण के खिलाफ उनकी लड़ाई, और आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु किए गए आंदोलनों को विस्तारपूर्वक याद किया।
सभी ने इस बात पर बल दिया कि गुरुजी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक जननायक और आंदोलन के प्रतीक थे, जिन्होंने आवाजहीन समाज को आवाज दी।
🫱🫲 सामाजिक एकता का उदाहरण बना कार्यक्रम
इस श्रद्धांजलि सभा ने न केवल गुरुजी के प्रति सम्मान को दर्शाया, बल्कि सामाजिक सौहार्द, सामूहिक चेतना और जनसंवेदना की भावना को भी उजागर किया।
अजहर इस्लाम ने यह भी संकल्प लिया कि यदि उन्हें जनता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तो वे दिशोम गुरु के सिद्धांतों और विचारधारा को आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
संघर्ष और सेवा की प्रेरणा हैं दिशोम गुरु
सभा के अंत में सभी ने यह साझा भावना व्यक्त की कि शिबू सोरेन की विरासत केवल अतीत की नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य की प्रेरणा है।
अजहर इस्लाम ने कार्यक्रम के समापन पर कहा –
“हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलकर एक ऐसे झारखंड की कल्पना करें जो समानता, न्याय और सामाजिक समरसता पर आधारित हो।”
📜 “गुरुजी गए नहीं हैं, वे हमारे भीतर जीवित हैं – उनकी सोच, उनका संघर्ष, और उनका सपना हमारा पथ प्रदर्शक बना रहेगा।”