Monday, October 13, 2025
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लखी पूजा पर अज़हर इस्लाम का संदेश – “धर्म नहीं, इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म”

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गौरीपुर में लखी पूजा का भव्य आयोजन

पाकुड़ जिले के नसीपुर पंचायत के गौरीपुर गांव में इस वर्ष भी लखी पूजा का पावन अवसर धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। गांव में सुबह से ही पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान का माहौल बना रहा। महिलाओं ने पारंपरिक परिधान धारण कर मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना की और धन, समृद्धि, शांति व ऐश्वर्य की कामना की। पूजा स्थल पर दीपों की जगमगाहट और भक्ति संगीत से पूरा वातावरण आध्यात्मिक आभा से भर गया।


अज़हर इस्लाम हुए कार्यक्रम में शामिल

इस अवसर पर पूर्व एनडीए प्रत्याशी सह समाजसेवी अज़हर इस्लाम भी गौरीपुर गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के साथ पूजा में सम्मिलित होकर मां लखी के समक्ष नमन किया और सभी के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। अज़हर इस्लाम ने कहा कि मां महालक्ष्मी केवल धन की देवी नहीं, बल्कि वे शांति, सौहार्द और समृद्धि की प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि लखी पूजा जैसे पर्व हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं।


धर्म से ऊपर इंसानियत का संदेश

सभा को संबोधित करते हुए अज़हर इस्लाम ने कहा, “हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलें, यही सच्ची मानवता है।” उन्होंने यह भी कहा कि हर धर्म हमें प्रेम, भाईचारा और इंसानियत सिखाता है। चाहे दीपावली हो, ईद, क्रिसमस या गुरुपर्व, सभी त्यौहार समाज में आपसी एकता और सद्भाव का संदेश देते हैं। उनका यह विचार उपस्थित लोगों के दिलों को गहराई से छू गया।


लखी पूजा के मूल में है शांति और समृद्धि का भाव

गांव के बुजुर्गों ने बताया कि लखी पूजा का पर्व वर्षों से यहां बड़ी परंपरा के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन मां लखी की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। पूजा के दौरान घरों की स्वच्छता, दीपों की रौशनी और भक्ति भाव इस पर्व को और अधिक पवित्र बना देते हैं। महिलाएं इस अवसर पर विशेष प्रसाद तैयार करती हैं और परिवार की उन्नति की कामना करती हैं।


अज़हर इस्लाम का समाजिक एकता का आह्वान

अज़हर इस्लाम ने कहा कि देश और समाज तभी प्रगति कर सकता है जब लोग आपसी प्रेम और सम्मान से साथ रहें। उन्होंने अपील की कि “धर्म नहीं, इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।” उन्होंने कहा कि हमें भेदभाव की दीवारें गिराकर एक ऐसे समाज की ओर बढ़ना चाहिए जहाँ हर व्यक्ति को समान सम्मान और अवसर मिले।


ग्रामीणों ने दिया एकता और सौहार्द का संदेश

पूरे आयोजन में ग्रामीणों की सहभागिता सराहनीय रही। बच्चों ने दीप सजाए, महिलाओं ने गीत गाए और युवाओं ने पूजा पंडाल को सजाने में योगदान दिया। अंत में अज़हर इस्लाम ने सभी ग्रामीणों को लखी पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि मां लखी की कृपा से हर घर में खुशहाली, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहे।


एकता और भाईचारे की मिसाल बना गौरीपुर गांव

लखी पूजा का यह उत्सव केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक सौहार्द और एकता का प्रतीक बन गया। जिस तरह विभिन्न समुदायों के लोग मिलकर इस आयोजन में शामिल हुए, उसने यह संदेश दिया कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन इंसानियत सबको जोड़ती है।

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