पाकुड़। भारतीय जनता पार्टी, झारखण्ड, अध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, बाबूलाल मराण्डी ने रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पाकुड़ के लोगों की समस्याओं के विषय में चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पत्र में बताया है कि पाकुड़ क्षेत्र ने पत्थर और कोयला के परिवहन के माध्यम से रेलवे के आमदनी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन इस क्षेत्र में रेलवे सुविधाएं कमजोर हैं।
बाबूलाल मराण्डी ने बताया कि भौगोलिक दृष्टि से पाकुड़, झारखंड – पश्चिम बंगाल के सीमा का प्रवेश द्वार होने के साथ-साथ जिला मुख्यालय भी है। पाकुड़ क्षेत्र से असंगठित क्षेत्र के हजारों मजदूर रोजगार की तलाश में सुदूर दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों को जाते हैं। पाकुड़ में यात्री गाड़ी के ठहराव न होने के कारण उनकी यात्रा कठिन हो जाती है। सवारी गाड़ियों के ठहराव और नए गाड़ियों के परिचालन के सम्बन्ध में समय-समय पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा रेल मंत्रालय के संज्ञान में लाने के लिए प्रतिवेदन प्रेषित भी किया गया है।
पत्र में उन्होंने कहा कि अभी हाल में परिचालित बेंगलूरु अमृत भारत एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या – 13433 / 13434) का ठहराव की व्यवस्था पाकुड़ रेलवे स्टेशन में करने से एक बड़ी आबादी को दक्षिण भारत से सीधा रेल सम्पर्क की सुविधा मिल सकेगी। यह भी उल्लेखनीय है कि हावड़ा मंडल (पूर्व रेलवे) के पत्रांक ADRM/OP/HWH / Misc दिनांक – 26.12.2023 के अनुसार पाकुड़ रेल स्टेशन में उक्त गाड़ी का ठहराव सुनिश्चित किया गया था, किन्तु किन्हीं कारणों से 28.12.2023 के संशोधित पत्र में पाकुड़ में ट्रेन ठहराव का उल्लेख नहीं है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी अमृत भारत एक्सप्रेस के परिचालन से पाकुड़ जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्र की आम जनता को न केवल सस्ता और परिष्कृत रेल सुविधा का लाभ मिलेगा बल्कि ‘अन्त्योदय’ की परिकल्पना भी साकार होगी ।