Saturday, November 30, 2024
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बांस की खेती ने जितेंद्र को बनाया ‘आत्मनिर्भर,’ इतनी होती है सलाना कमाई

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जितेन्द्र कुमार झा/लखीसराय : खेती आज के जमाने में घाटे का सौदा नहीं रह गया है. किसान सही तरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लखीसराय के किसान भी अब परंपरागत खेती को छोड़कर नगदी फसल की खेती करने लगे हैं. जिससे किसानों को मुनाफा भी हो रहा है. इसी कड़ी में जिला के रघुनंदन बीघा गांव में प्रगतिशील किसान रामस्वरूप महतो एक तरह से ग्रीन गोल्ड कहे जाने वाले बांस की खेती कर हैं.

बांस से होने वाली कमाई से हीं परिवार का आजीविका चला रहे हैं. खास बात यह है कि बांस की खेती में अधिक खर्च भी नहीं होता है. इसमें न तो पटवन की आवश्कता है और न हीं खाद की जरूरत पड़ती है. इसमें आसानी से उपलब्ध गोबर का हीं प्रयोग किया जाता है. बांस की खेती के बारे में कृषि विशेषज्ञ और कई किसानों का मानना है कि यह फसल दूसरी फसलों के मुकाबले में काफी सुरक्षित भी है. जिससे अच्छी आमदनी भी की जा सकती है.

 बांस की खेती में कम लागत पर होता है अधिक मुनाफा

बांस की खेती कर रहे रामस्वरूप महतो बताते हैं कि काफी कम उम्र में पिता से प्रेरणा लेकर 3 एकड़ भूमि पर बांस का पौधा लगाया. काफी कम समय में ही यह पूरी तरह से तैयार हो गया. उन्होंने बताया कि बांस की कई सारी खासियत है. जिनमें औसतन प्रत्येक की बांस की लंबाई 40 से 45 फीट से भी अधिक होती है. बांस सीधी रहने के चलते इसका इस्तेमाल करना आसान है.

उन्होंने बताया कि बांस में अनेकों विटामिन और प्रोटीन होते हैं. बांस में विटामिन बी, कॉपर, पोटेशियम, आयरन जैसे मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अगर आप बांस की बोतल का इस्तेमाल पानी पीने के लिए करते हैं तो यह सभी जरूरी मिनरल्स आपके शरीर में उपलब्ध करवाता है.

बांस बेचकर सालाना 12 लाख की कर लेते हैं कमाई

रामस्वरूप ने बताया कि पिता बताया करते थे कि बांस की खेती करना कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि पर्यावरण के अनुकूल है. उन्हीं से प्रेरणा लेकर बांक की खेती की शुरुआत की और वर्तमान में प्रति वर्ष 12 लाख उनका टर्नओवर होता है और प्रत्येक बांस की कीमत 200 रूपए है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर बांस गांव में ही बिक जाती है और आस-पास के बाजारों जैसे हलसी, सिकंदरा आदि जगहों पर भी बांस की अधिक मांग है.

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FIRST PUBLISHED : August 10, 2023, 15:09 IST

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