यूपी में कांग्रेस पार्टी की हालत बेहद खस्ता है। राज्य में पार्टी को फिर से उबारने की जिम्मेदारी अब वाराणसी से पांच बार के विधायक अजय राय के हाथों में है। अजय राय दो बार पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। अजय राय को उम्मीद है कि आने वाले समय में वो यूपी कांग्रेस में जान फूंकने में सफल रहेंगे।
तीन महीने में बदली हुई दिखेगी कांग्रेस!
अजय राय ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि वो यूपी में कांग्रेस को तीन महीने में रिवाइव कर देंगे, ऐसा उन्हें विश्वास है। उन्होंने कहा कि साल 1995 में जब उन्होंने राजनीति में एंट्री की तो उन्हें कोलासला विधानसभा क्षेत्र से 9 बार के विधायक उदय जी के खिलाफ उतारा गया लेकिन कठिन परिश्रम और ईमानदार प्रयास की वजह से जीत उनकी हुई। उन्होंने कहा कि उसी जोश और मेहनत के साथ, वो अगले तीन महीने में यूपी में पार्टी को फिर से अपने पैरों पर खड़ा कर देंगे।
कैसे करेंगे बीजेपी और सपा के आक्रामक अभियानों का मुकाबला?
यूपी में बीजेपी ‘टिफिन पर चर्चा’ कर रही है और सपा ने ‘हर घर दस्तक अभियान’ की बात कही है। इस सवाल के जवाब में अजय राय कने कहा कि वो यूपी के ग्रामीण इलाके से शुरुआत करेंगे, यही उनकी प्राथमिकता है क्योंकि किसान दर्द झेल रहा है और विकास का इंतजार कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि इससे चंदौली से लेकर गाजियाबाद तक अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा।
क्या जातियों का संतुलन बैठाने के लिए कांग्रेस ने बनाया यूपी चीफ?
अजय राय ने कहा कि यह गलत धारणा है। उनके नियुक्ति के पीछे जाति की सियासत नहीं है। यूपी में भूमिहार जाति महज 2 फीसदी है। उन्होंने कहा कि उनकी कभी हार न मानने वाली भावना की वजह से कांग्रेस पार्टी ने उनपर विश्वास दिखाया है और लोकसभा चुनाव से इतनी महत्वपूर्ण के लिए उन्हें चुना है।